गंगा दशहराः गंगा की लहरों पर भारत की अमर कहानी
- सुरेन्द्र किशोरी
भारतीय सभ्यता और संस्कृति को जीवंत बनाने में यदि किसी का सर्वाधिक योगदान है तो वह हैं गंगा। गंगा सिर्फ नदी नहीं हैं, वह जीवनदायिनी हैं। गंगा की पवित्र लहरों में भारत की अमर कहानी अंकित है। सभ्यता और संस्कृति को सर्व लोक उपकारी बनाने की प्रेरणा गंगा की लहरों ने ही मानव हृदय को दी है। भारत में गंगा की निर्मल धारा प्राचीन काल से ही अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह धरती पर बहकर भी देवताओं की नदी है। गंगा लोक की सुख-समृद्धि की विधात्री हैं। ऋषि, संत और मुनि जिन सात नदियों का स्मरण स्नान के समय करते हैं, उनमें सर्वप्रथम गंगा का ही नाम आता है।
'गंगे चै यमुने चौव गोदावरी सरस्वती, नर्मदे सिन्धु कावेरी जलेस्मिन् सन्निधिं कुरु।' नदियों में पवित्रता एवं महात्म्य की दृष्टि से गंगा का स्थान सर्वोच्च है। गोमुख से लेकर गंगा सागर तक गंगा की अजस्त्र वाहिनी पावन धारा से कितने ही नर, नार...