Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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सीतारमण ने ब्रिटेन के वित्त मंत्री से द्विपक्षीय व्यापार, जी-20 पर बातचीत की

सीतारमण ने ब्रिटेन के वित्त मंत्री से द्विपक्षीय व्यापार, जी-20 पर बातचीत की

देश, बिज़नेस
- टेलीफोन पर निर्मला सीतारमण और जेरेमी हंट के बीच हुई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) और ब्रिटेन के वित्त मंत्री प्रमुख जेरेमी हंट (Britain's Chief Minister of Finance Jeremy Hunt) ने द्विपक्षीय निवेश और व्यापार (bilateral investment and trade) मुद्दों पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने जी-20 से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को ट्विट कर बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और ब्रिटेन के वित्त मंत्री जेरेमी हंट के बीच आज टेलीफोन पर बातचीत हुई। दोनों पक्षों ने जी-20, द्विपक्षीय निवेश, व्यापार और आपसी हितों से जुड़े कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की। दरअसल इस समय भारत जी-20 का अध्यक्ष भी है। भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) पर बाचतीत जारी है। दोनो...
जी-20 के वित्त और केंद्रीय बैंकों के उप-प्रमुख की पहली बैठक मंगलवार से बेंगलुरु में

जी-20 के वित्त और केंद्रीय बैंकों के उप-प्रमुख की पहली बैठक मंगलवार से बेंगलुरु में

देश, बिज़नेस
- भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत वित्त ट्रैक एजेंडे पर बेंगलुरु में होगी चर्चा नई दिल्ली। भारत (India) की अध्यक्षता में जी20 के वित्त एवं केंद्रीय बैंक (Finance and Central Banks of the G20) के उप-प्रमुखों (एफसीबीडी) की पहली बैठक (First meeting) कर्नाटक (Karnataka) की राजधानी बेंगलुरु (Bangalore) में 13 से 15 दिसंबर तक होगी। केंद्रय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) जी-20 की इस बैठक का नेतृत्व करेंगे। वित्त मंत्रालय ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि वित्त मंत्रालय और आरबीआई के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित होने वाली इस बैठक में भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत वित्त ट्रैक एजेंडे पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक की सह-अध्यक्षता आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव अजय सेठ और रिजर्व ब...
भारत के लिए अध्यक्षता में अवसर

भारत के लिए अध्यक्षता में अवसर

अवर्गीकृत
- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री जी- 20 पर देश में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों पर विचार-विमर्श के दौरान सर्वदलीय बैठक में सत्ता पक्ष ने दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर राष्ट्रीय हितों को महत्व दिया है। जी 20 समूह दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का अंतर सरकारी मंच है। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं। सर्वदलीय बैठक में यह संदेश दिया गया कि जी 20 की अध्यक्षता देश के लिए गौरव की बात है। विश्व स्तर पर राष्ट्रीय सहमति की अभिव्यक्ति दिखनी चाहिए। इस समय भाजपा सत्ता में है। लेकिन यह विषय किसी राजनीतिक पार्टी का नहीं है। सर्वदलीय बैठक के माध्यम से सरकार ने यही संदेश दिया है। वैसे इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाना अनिवार्य ...
जी-20 : भारत क्यों न बने विश्व गुरु ?

जी-20 : भारत क्यों न बने विश्व गुरु ?

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक 01 दिसंबर से भारत जी-20 (बीस देशों के समूह) का अध्यक्ष बन गया है। सुरक्षा परिषद का भी वह इस माह के लिए अध्यक्ष है। भारतीय विदेश नीति के लिए यह बहुत सम्मान की बात है, लेकिन यह बड़ी चुनौती भी है। सुरक्षा परिषद आजकल पिछले कई माह से यूक्रेन के सवाल पर आपस में बंटी हुई है। उसकी बैठकों में शीतयुद्ध जैसा गर्मागर्म माहौल दिखाई पड़ता है। लगभग सभी प्रस्ताव आजकल ‘वीटो’ के शिकार हो जाते हैं, खास तौर पर यूक्रेन के सवाल पर। यूक्रेन का सवाल इस बार जी-20 की बाली में हुई बैठक पर छाया रहा। एक तरफ अमेरिका और यूरोपीय राष्ट्र थे और दूसरी तरफ रूस और चीन। उनके नेताओं ने एक-दूसरे पर प्रहार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। फिर भी एक सर्वसम्मत घोषणा पत्र बाली सम्मेलन के बाद जारी हो सका। इस सफलता का श्रेय खुले तौर पर भारत को नहीं मिला लेकिन जी-20 ने भारत का रास्ता ही अपनाया। भारत तटस्थ रहा। न तो वह ...
जी-20: अब भारत करेगा दुनिया का नेतृत्व

जी-20: अब भारत करेगा दुनिया का नेतृत्व

अवर्गीकृत
- आर.के. सिन्हा भारत को जी-20 देशों के समूह की सांकेतिक रूप से अध्यक्षता आगामी 16 नवंबर को ही मिल जाएगी जब इंडोनेशिया के शहर बाली में चल रहा जी-20 शिखर सम्मेलन समाप्त होगा। हां, भारत विधिवत रूप से जी-20 की अध्यक्षता अगले माह 1 दिसंबर से संभालेगा। भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर है दुनिया को नेतृत्व प्रदान करने का और अपनी नेतृत्व क्षमता प्रदर्शित करने का । जी-20 ऐसे देशों का समूह है, जिनका आर्थिक सामर्थ्य, विश्व की 85 प्रतिशत जीडीपी का प्रतिनिधित्व करता है। जी-20 उन 20 देशों का समूह है, जो विश्व के 75 प्रतिशत व्यापार का भी प्रतिनिधित्व करता है और भारत अब इसी जी-20 समूह का नेतृत्व करने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में जी-20 का “लोगो” (प्रतीक चिह्न) “वसुधैव कुटुम्बकम” को जारी करते हुए कहा कि यह केवल एक प्रतीक चिह्न ही नहीं है। यह एक गहरा संदेश है, एक भावना है, जो हमारी रगो...