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खड़गे का बयान और कांग्रेस की हताशा

खड़गे का बयान और कांग्रेस की हताशा

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- आशीष वशिष्ठ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 29 जनवरी को भुवनेश्वर में थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा- ‘2024 लोकसभा चुनाव लोकतंत्र को बचाने का आखिरी मौका होगा। अगर इस चुनाव में भाजपा जीती तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस देश में दोबारा चुनाव नहीं होने देंगे। वे एक तानाशाह की तरह इस पर रोक लगाएंगे।’ कांग्रेस अध्यक्ष के बयान से देश की सबसे पुरानी और सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली पार्टी की हताशा, निराशा और पराजय स्पष्ट झलकती है। कांग्रेस अध्यक्ष जब यह कहते हैं कि मोदी दोबारा सत्ता में आए तो कोई चुनाव नहीं होगा। आपके पास मतदान का आखिरी मौका है। ऐसा बयान देते समय शायद खड़गे अपनी ही पार्टी का चरित्र, आचरण, कृत्य और इतिहास भूल जाते हैं। भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में लगभग छह दशक कांग्रेस ने देश की सत्ता को संभाला। इस कालावधि में उसने लोकतंत्र को कमजोर और कलंकित करने के एक नहीं कई काम किय...

कर्मयोगी श्रीकृष्ण: जियो तो ऐसे जियो!

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- गिरीश्वर मिश्र सुख की चाह और दुःख से दूरी बनाए रखना जीवित प्राणी का सहज स्वाभाविक व्यवहार है जो पशु- मनुष्य सब में दिखाई पड़ता है। यह सूत्र जीवन के सम्भव होने की शर्त की तरह काम करता है। पर इसके आगे की कहानी हम सब खुद रचते हैं। आहार, निद्रा, भय और मैथुन के अलावा हम सब धन, दौलत, पद, प्रतिष्ठा, आदर, सम्मान, प्रेम, दया, दान आदि समाज जनित कामनाओं के इर्द-गिर्द निजी और सार्वजनिक जीवन ताना-बाना बुनते हैं। जिन्दगी खेने की सारी कशमकश इन्हीं को लेकर चलती रहती है। आज की दुनिया में हर कोई कुंठा और तनाव से जूझता दिख रहा है और उससे निपटने के लिए मानसिक दबाव बढ़ता जा रहा है। थोड़ा निकट से देखें तो यही बात उभर कर सामने आती है कि किसी न किसी तरह सभी अपनी स्थिति से असंतुष्ट हैं। कुछ लोग जितना है उसमें इच्छा से कम होने को लेकर तो कुछ लोग जो उनके पास नहीं है उसे पाने को लेकर। सबके साथ कुछ न कुछ ऐसा हो रहा ...