इजरायल में भारत के मित्र की वापसी
- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
इजरायल की भौगोलिक स्थिति संवेदनशील है। राजनीतिक अस्थिरता और कमजोर नेतृत्व से उसकी परेशानी बढ़ती है। इस तथ्य को वहां के लोगों ने समझा है। इसके चलते राजनीतिक संक्रमण काल का समापन हुआ। बेंजामिन नेतान्याहू की एक बार फिर सत्ता में वापसी हुई। पहले भी वह प्रधानमंत्री के रूप में इजरायल को मजबूत नेतृत्व प्रदान कर चुके हैं। फिलिस्तीन आतंकी संगठन हमास के हिंसक मंसूबों को वह नाकाम करते रहे है। इजरायल की एकता, अखंडता और सम्मान को बनाये रखने की उनमें दृढ़ इच्छाशक्ति रही है। फिर भी इसे इजरायल का आंतरिक मसला कहा जा सकता है। लेकिन नेतान्याहू का पुनः प्रधानमंत्री बनना भारत के भी हित में है। उन्होंने भारत की भौगोलिक स्थिति को समझा है। उसके अनुरूप विदेश नीति निर्धारित करने का साहस दिखाया है।
पाकिस्तान और चीन भारत के पड़ोसी हैं। इनकी फितरत जगजाहिर है।पाकिस्तान में आतंकी संगठनों को संर...