ऋषि सुनक के बहाने भारतीय ज्ञान परम्परा की ताजा होती यादें
- डॉ. मयंक चतुर्वेदी
ऋषि सुनक को आज दुनिया जान रही है। वे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री हैं, किंतु भारत में भी शौनक ऋषि हुए हैं, जोकि शुनक ऋषि के पुत्र थे। तत्कालीन समय के वे प्रसिद्ध वैदिक आचार्य थे। शतपथ ब्राह्मण के निर्देशानुसार इनका पूरा नाम इंद्रोतदैवाय शौनक था। ऋषि शौनक दस सहस्त्र शिष्यों के गुरुकुल के कुलपति थे । पुराणों में इनका और सप्त ऋषियों का विस्तृत वर्णन मिलता है । इन्होंने कई अश्वमेध यज्ञ करवाए । इनकी वंश परम्परा को देखें तो सबसे पहले ''प्रमद्वरा को सर्पदंश'' नामक कथा महाभारत के अष्टम अध्याय में आदिपर्व के अन्तर्गत पौलोम पर्व में मिलती है। जिसमें कि ऋषि शुनक के कुल-गोत्र के बारे में विस्तार से बताया गया है।
स चापि च्यवनो ब्रह्मन् भार्गवोऽजनयत् सुतम्।
सुकन्यायां महात्मानं प्रमतिं दीप्ततेजसम् ॥
प्रमतिस्तु रुरुं नाम घृताच्यां समजीजनत्।
रुरुः प्रमद्वरायां तु शुनकं समजीजनत् ॥
महर...