चीन के खिलाफ आक्रामक विदेश नीति जरूरी
- डॉ. अनिल कुमार निगम
‘शठे शाठ्यं समाचरेत्’ अर्थात दुष्ट के साथ दुष्टता का ही व्यवहार करना चाहिए। यह नीति भारत को अपने पड़ोसी व साम्राज्यवादी देश चीन के बारे में अपनानी चाहिए। चीन कभी भारत का विश्वसनीय पड़ोसी नहीं रहा है। नेहरू काल के दौरान चीन ‘हिंदी चीनी भाई भाई’ का नारा देकर 1962 में भारत के साथ विश्वासघात भला कौन भूल सकता है। भारत की सीमा पर घुसपैठ अथवा जमीन पर कब्जा करना चीन की फितरत में रहा है। भारत की लगातार चेतावनी के बावजूद वह एलएसी का न केवल उल्लंघन करता रहा है बल्कि अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता रहा है। इसके लिए उसने साम, दाम, दंड, भेद की नीति का पालन किया।
इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में हाल ही में रियासी में श्रद्धालुओं की बस पर हमला किया गया। इसके बाद जम्मू-कश्मीर में लगातार हमले बढ़े हैं। इसके पीछे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को इन हमलों में पाकिस्तान और चीन की संयुक्त साजिश नज...