मित्रता के आकाश पर राफेल की ऊंची उड़ान
- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
भारतीय वायुसेना ने यूपीए सरकार के समय ही राफेल विमानों की खरीदा को अपरिहार्य बताया था। यह भी कहा गया था कि फ्रांस के साथ यह सौदा बिना समय गंवाए करना चाहिए। चीन की रक्षा तैयारियों के दृष्टिगत भारत को देर नहीं करनी चाहिए। लेकिन यूपीए सरकार इस पर कोई निर्णय नहीं कर सकी। नरेन्द्र मोदी सरकार ने वायुसेना और रक्षा विशेषज्ञों के सुझाव को गंभीरता से लिया। राफेल सौदे को पूरा किया गया। लेकिन इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कांग्रेस का हंगामा हैरान करने वाला रहा। चीन हमारा शत्रु है। वह नहीं चाहता था कि भारत को राफेल मिले। उसे पता था कि इससे भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ जाएगी।
कांग्रेस ने भी राफेल सौदे पर निशाना लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन नरेन्द्र मोदी राष्ट्रहित में जो उचित समझते हैं, वही करते हैं। ऐसे विषयों पर विपक्षी हंगामे को वह नजरअंदाज करते हैं। राफेल सौदा भी सम्पन्न...