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उतार-चढ़ाव के बीच शेयर बाजार की शानदार रिकवरी, सेंसेक्स निचले स्तर से 731 अंक उछला

उतार-चढ़ाव के बीच शेयर बाजार की शानदार रिकवरी, सेंसेक्स निचले स्तर से 731 अंक उछला

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली। कमजोर ग्लोबल संकेतों के कारण गुरुवार को दिन के पहले कारोबारी सत्र में लगातार दबाव में काम कर रहे घरेलू शेयर बाजार ने दूसरे कारोबारी सत्र में शानदार बाउंस बैक किया। बाजार में दोपहर 1 बजे के बाद से खरीदारी में आई तेजी के कारण सेंसेक्स ने निचले स्तर से 730 अंक से अधिक की और निफ्टी ने निचले स्तर से 230 अंक से अधिक की जोरदार छलांग लगाई। दिनभर की खरीद बिक्री के बाद सेंसेक्स 0.37 प्रतिशत और निफ्टी 0.38 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुए। पूरे दिन के कारोबार के बाद ऑयल एंड गैस, बैंकिंग, पावर और मेटल सेक्टर के शेयरों में अच्छी खरीदारी हुई। खरीदारी के सपोर्ट से ये चारों सेक्टर 1 प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ बंद हुए। कंज्यूमर गुड्स और कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर से जुड़े शेयरों पर बिकवाली का दबाव बना नजर आया। मिडकैप और स्मॉलकैप के शेयरों में आज खरीदारी और बिकवाली का दबाव कमोबेश बराबर रहा, जिसक...
उतार-चढ़ाव से भरा है नये साल का इतिहास

उतार-चढ़ाव से भरा है नये साल का इतिहास

अवर्गीकृत
- रमेश शर्मा एक जनवरी से नया साल आरंभ हो रहा है। अब पूरी दुनिया वर्ष 2023 में प्रवेश करेगी। समय नापने की यह पद्धति ग्रेगोरियन कैलेण्डर के अनुसार है। पर यह ग्रेगोरियन कैलेण्डर पद्धति 2022 वर्ष पुरानी नहीं है। यह केवल 441 वर्ष पुरानी है और भारत में इसे लागू हुए केवल 270 वर्ष ही हुए हैं। दुनिया में काल गणना का इतिहास बहुत उतार-चढ़ाव से भरा है। संसार के विभिन्न देशों में पिछले सात हजार वर्ष में बीस से अधिक काल गणना कैलेण्डरों का इतिहास उपलब्ध है। वर्तमान ग्रेगेरियन कैलेण्डर जिसके अनुसार आज की दुनिया चल रही है, इसका आरंभ आज से केवल 441 वर्ष पहले 1582 ईस्वी सन् में हुआ था और अंग्रेजों ने भारत में इसे 270 वर्ष पहले 1753 में लागू किया था। पर तब भारत में इसका उपयोग केवल यूरोपीय समुदाय ही करता था। शेष भारत में कहीं विक्रम संवत और कहीं हिजरी सन् का प्रचलन था। आज भारत में भले अंग्रेजों द्वारा स्थाप...