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श्रावणी तीज : सावन का त्योहार, खुशियां अपार

श्रावणी तीज : सावन का त्योहार, खुशियां अपार

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- रमेश सर्राफ धमोरा श्रावण के महीने में चारों ओर हरियाली की चादर सी बिखर जाती है। जिसे देख कर सबका मन झूम उठता है। सावन का महीना एक अलग ही मस्ती और उमंग लेकर आता है। श्रावण के सुहावने मौसम के मध्य में आता है तीज का त्योहार। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को श्रावणी तीज कहते हैं। उत्तर भारत में यह हरियाली तीज के नाम से भी जानी जाती है। सावन के महीने में सिंजारा, तीज, नागपंचमी एवं सावन के सोमवार जैसे लोकपर्व उत्साह पूर्वक मनाए जाते हैं। श्रावण के महीने में मनाई जानेवाली हरियाली तीज आस्था, प्रेम, सौंदर्य व उमंग का त्योहार है। तीज को मुख्यतः महिलाओं का त्योहार माना जाता है। यह पर्व महिलाओं की सांस्कृतिक मान्यताओं का प्रतीक है। सावन माह में मनाया जाने वाला हरियाली पर्व दंपतियों के वैवाहिक जीवन में समृद्धि, खुशी और तरक्की का प्रतीक है। तीज का त्योहार भारत के कोने-कोने में मनाया जाने वाला एक...
भैया दूज पर विशेषः यम के भय से मुक्ति का पर्व

भैया दूज पर विशेषः यम के भय से मुक्ति का पर्व

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- योगेश कुमार गोयल भाई-बहन के पावन संबंधों की मजबूती और प्रेमभाव को स्थापित करने वाला पर्व है ‘भैया दूज’। बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर ईश्वर से उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं। कहा जाता है कि इससे भाई यमराज के प्रकोप से बचे रहते हैं। इस वर्ष भैया दूज की तिथि को लेकर भी बड़ा भ्रम है। दरअसल कार्तिक कृष्ण द्वितीया तिथि इस साल 26 और 27 अक्टूबर को है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 26 अक्टूबर को दिन में 2 बजकर 43 मिनट से भैया दूज पर्व मनाना शुभ रहेगा। यह शुभ मुहूर्त 27 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 18 मिनट से साढ़े तीन बजे तक रहेगा। कई ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक भैया दूज 26 तारीख को ही मनाना शास्त्र के अनुकूल है। चूंकि कई स्थानों पर लोग उदया तिथि के हिसाब से यह पर्व मनाते हैं। ऐसे में जहां लोग उदया तिथि को मानते हैं, वहां 27 अक्टूबर को भैया दूज पर्व मनाया जा सकता है। दीपावली के दो दिन बाद अर्थात कार्ति...
करवा चौथ: प्रेम, समर्पण और संस्कार का पर्व

करवा चौथ: प्रेम, समर्पण और संस्कार का पर्व

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- योगेश कुमार गोयल करवा चौथ प्रेम, समर्पण और संस्कार का पर्व है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए पूरे दिन व्रत रखती हैं और रात को चांद देखकर पति के हाथ से जल पीकर व्रत खोलती हैं। भारतीय समाज में वैसे तो महिलाएं विभिन्न अवसरों पर अनेक व्रत रखती हैं लेकिन पति को परमेश्वर मानने वाली नारी के लिए इन सभी व्रतों में सबसे अहम करवा चौथ का व्रत है। यह कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाने वाला व्रत है। इसे अन्य सभी व्रतों से कठिन माना जाता है। यह सुहागिनों का सबसे बड़ा व्रत है। यह व्रत महिलाओं के लिए ‘चूड़ियों का त्योहार’ नाम से भी प्रसिद्ध है। महिलाएं अन्न-जल ग्रहण किए बिना यह व्रत रखती हैं। इसे अखंड सुहाग का प्रतीक भी माना जाता है। इस व्रत में शिव, पार्वती, कार्तिकेय, श्रीगणेश तथा चन्द्रमा का पूजन करने का विशेष महत्व है। अविवाहित किशोरियोंए युवतियों और सुहागिन महिलाओं द्व...
करवा चौथ: जीवन साथी के पवित्र रिश्तों का पर्व

करवा चौथ: जीवन साथी के पवित्र रिश्तों का पर्व

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- रमेश सर्राफ धमोरा भारत धर्म प्रधान और आस्थावान देश है। यहां साल के सभी दिनों का कोई न कोई महत्व होता। हर दिन पवित्र माना जाता है। भारत में करवा चौथ हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। खासतौर पर यह राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पंजाब का प्रमुख पर्व है। यह कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह व्रत सुबह सूर्योदय से पहले करीब 4 बजे के बाद शुरू होकर रात में चन्द्रमा दर्शन के बाद सम्पूर्ण होता है। ग्रामीण स्त्रियों से लेकर आधुनिक महिलायें करवा चौथ का व्रत श्रद्धा एवं उत्साह के साथ रखती हैं। यह व्रत हर साल महिलाएं अपने पतियों के लिए करती हैं। यह न केवल एक त्योहार है बल्कि यह पति-पत्नी (जीवनसाथी) के पवित्र रिश्तों का पर्व है। कहने को तो करवा चौथ का त्योहार एक व्रत है लेकिन यह नारी शक्ति और उसकी क्षमताओं का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है, क्योंकि नारी अपने दृढ़ संकल्प से यमराज...
दशहराः दस अवगुणों से दूर रहने के संकल्प लेने का पर्व

दशहराः दस अवगुणों से दूर रहने के संकल्प लेने का पर्व

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- योगेश कुमार गोयल देश में प्रतिवर्ष आश्विन शुक्ल दशमी को ‘विजयादशमी’ को पर्व के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है। इसे दशहरा भी कहा जाता है। दशहरा दो शब्दों दश तथा हरा से मिलकर बना है। दश का अर्थ है 10 तथा हरा का अर्थ ले जाना। इस प्रकार दशहरे का मूल अर्थ है 10 अवगुणों या बुराइयों को ले जाना। यानी इस अवसर पर अपने भीतर के दस अवगुणों को खत्म करने का संकल्प लेना। दरअसल हर इंसान के भीतर रावण रूपी अनेक बुराइयां मौजूद होती हैं। सभी पर एक बार में विजय पाना संभव भी नहीं है। इसलिए दशहरे पर ऐसी ही कुछ बुराइयों का नाश करने का संकल्प लेकर इस पर्व की सार्थकता सुनिश्चित की जा सकती है। दशहरा समस्त भारत में भगवान श्रीराम द्वारा लंकापति रावण के वध के रूप में अर्थात बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में तथा आदि शक्ति दुर्गा द्वारा महाबलशाली राक्षसों महिषासुर व चण्ड-मुण्ड का वध किए जाने के रूप में मनाया जाता है।...
शक्ति-पूजा का पर्व है दशहरा

शक्ति-पूजा का पर्व है दशहरा

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- रमेश सर्राफ धमोरा दशहरा हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार है। अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन होता है। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था। इसीलिये इस दशमी को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है। इसी दिन लोग नया कार्य प्रारम्भ करते हैं। इस दिन शस्त्र-पूजा की जाती है। इस दिन जगह-जगह मेले लगते हैं। रामलीला का समापन होता है। रावण का विशाल पुतला बनाकर उसे जलाया जाता है। दशहरा शब्द हिंदी के दो शब्दों दस और हारा से मिलकर बना है। जहां दस गणित के अंक दस (10) और हारा शब्द पराजित का सूचक है। इसलिए यदि इन दो शब्दों को जोड़ दिया जाए तो दशहरा बनता है। जो उस दिन का प्रतीक है जब दस सिर वाले दुष्ट रावण का भगवान राम ने वध किया था। दशहरा अथवा विजयादशमी पर्व को भगवान राम की विजय के रूप में मनाया जाए अथवा दुर्गा पूजा के रूप में। दोनों ही रूप...

शिक्षकों के आत्मचिंतन और आत्ममंथन का पर्व बने शिक्षक दिवस

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- सुरेन्द्र किशोरी हर वर्ष पांच सितम्बर को भारत में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इनका जन्म दक्षिण भारत के तमिलनाडु के तिरुटन्नी में पांच सितम्बर 1888 को हुआ तथा इन्हें भारतीय दर्शन का इतना गहरा ज्ञान था कि इस विषय पर व्याख्यान देने के लिए दुनिया के कई देशों से इन्हें आमंत्रण मिलते रहता था। लोग इनके व्याख्यानों को बड़ी ही रुचि के साथ सुनते थे और भारतीय दर्शन के मर्म को समझते थे। इनके आकर्षक व्यक्तित्व का सम्मान करने के लिए ब्रिटिश सरकार ने ''सर'' की उपाधि प्रदान की। एक आदर्श शिक्षक के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले स्वतंत्र भारत के द्वितीय राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की, ताकि लोग शिक्षकों का सम्मान करें, उनके महत्त्व को समझें। आज भी देश में शिक्षा की क्रांति लाने में सबसे अहम भ...

जुलाई महीने में यात्री वाहनों की बिक्री 11 फीसदी बढ़ी, त्योहार से उत्पादन में इजाफा

बिज़नेस
नई दिल्ली । आर्थिक र्मोचे पर अच्छी खबर है। सेमीकंडक्टर चिप की आपूर्ति में सुधार आने से वाहन निर्माता कंपनियों ने त्योहार से उत्पादन में इजाफा किया है। इसके चलते जुलाई महीने में यात्री वाहनों की थोक बिक्री सालाना आधार पर 11 फीसदी बढ़ गई है। वाहन विनिर्माताओं के संगठन ‘सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स’ (सियाम) के महानिदेशक राजेश मेनन ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि यात्री कारें, दोपहिया वाहन और तिपहिया वाहनों का बाजार अभी भी कोरोना महामारी से पूरी तरह उबरा नहीं है। उन्होंने कहा कि जुलाई 2022 में दोपहिया वाहनों की बिक्री जुलाई 2016 की तुलना में अभी भी कम है। सियाम के जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक यात्री वाहन श्रेणी की थोक बिक्री जुलाई, 2022 में बढ़कर 2,93,865 इकाइयों पर पहुंच गई। जुलाई, 2021 में डीलरों को 2,64,442 इकाइयों की आपूर्ति हुई थी। यात्री कारों की आपूर्ति इस साल जुला...

प्रकृति से जुड़ाव का पर्व है श्रावणी तीज

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- रमेश सर्राफ धमोरा वर्षा ऋतु में श्रावण के महीने में हमारे देश में चारों तरफ पानी बरसता रहता है। इस दौरान चारों तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आती है। हरियाली के आगोश में प्रकृति इस तरह झूम उठती है मानो पृथ्वी अपनी हरी-भरी बाहें फैलाकर सबका अभिनंदन कर रही हो। श्रावण के महीने को हिंदू धर्मावलंबी भगवान शिव का महीना मान मानकर पूजा अर्चना करते हैं। कावड़िए देशभर में विभिन्न नदी, तालाबों से जल लाकर भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। गणगौर के बाद त्योहारों का सिलसिला रुक जाता है, वह एकबार फिर श्रावण मास की तीज से प्रारंभ हो जाता है। श्रावण का महीना महिलाओं के लिए विशेष उल्लास का महीना होता है। इस महीने में आने वाले अधिकांश लोक पर्व महिलाओं द्वारा ही मनाए जाते हैं। श्रावण के महीने में चारों ओर हरियाली की चादर-सी बिछ जाती है। जिसे देखकर सबका मन झूम उठता है। सावन का महीना एक अलग मस्ती और उमंग लेकर आता है...