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सीएनजी की कीमत में इजाफा, किराये में बढ़ोतरी की आशंका

सीएनजी की कीमत में इजाफा, किराये में बढ़ोतरी की आशंका

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। दिल्ली-एनसीआर (Delhi, NCR), हरियाणा (Haryana), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और राजस्थान (Rajasthan) के कई शहरों (many cities) में सीएनजी (CNG) की सप्लाई करने वाली कंपनी इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) (Indraprastha Gas Limited (IGL)) ने एक बार फिर अपने उपभोक्ताओं को करारा झटका दिया है। कंपनी ने सीएनजी की कीमत (Price of CNG) में आज से बढ़ोतरी कर दी है। इस बढ़ोतरी की वजह से दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में इसकी कीमत में एक रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी हो गई है। इस बढ़ोतरी के बाद राजधानी दिल्ली में सीएनजी की कीमत 75.59 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है, जबकि इसके पहले दिल्ली में सीएनजी की कीमत 74.59 रुपये प्रति किलोग्राम थी। आईजीएल के मुताबिक दिल्ली से सटे यूपी के गौतमबुद्धनगर जिले के नोएडा में सीएनजी की कीमत बढ़ कर 81.20 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है।...
भैया दूज पर विशेषः यम के भय से मुक्ति का पर्व

भैया दूज पर विशेषः यम के भय से मुक्ति का पर्व

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- योगेश कुमार गोयल भाई-बहन के पावन संबंधों की मजबूती और प्रेमभाव को स्थापित करने वाला पर्व है ‘भैया दूज’। बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर ईश्वर से उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं। कहा जाता है कि इससे भाई यमराज के प्रकोप से बचे रहते हैं। इस वर्ष भैया दूज की तिथि को लेकर भी बड़ा भ्रम है। दरअसल कार्तिक कृष्ण द्वितीया तिथि इस साल 26 और 27 अक्टूबर को है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 26 अक्टूबर को दिन में 2 बजकर 43 मिनट से भैया दूज पर्व मनाना शुभ रहेगा। यह शुभ मुहूर्त 27 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 18 मिनट से साढ़े तीन बजे तक रहेगा। कई ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक भैया दूज 26 तारीख को ही मनाना शास्त्र के अनुकूल है। चूंकि कई स्थानों पर लोग उदया तिथि के हिसाब से यह पर्व मनाते हैं। ऐसे में जहां लोग उदया तिथि को मानते हैं, वहां 27 अक्टूबर को भैया दूज पर्व मनाया जा सकता है। दीपावली के दो दिन बाद अर्थात कार्ति...

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस और अखंड भारत का संकल्प

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- डॉ. रामकिशोर उपाध्याय अब भारत में 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। इससे पहले भी कुछ लोग इसे 'अखंड भारत संकल्प दिवस' के रूप में स्मरण करते आए हैं। कुछ इस पर मौन रहते हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इसके विरोध में वक्तव्य देते रहते हैं। विभाजन की विभीषिका और अखंड भारत के संकल्प पर चर्चा करने से पहले कांग्रेस कार्यकारिणी समिति की उस बैठक के एक दृश्य को स्मरण कर लेते हैं जिसमें कांग्रेस ने बंटवारे को अंतिम रूप से स्वीकार कर लिया था। इस बैठक में डॉ. राममनोहर लोहिया भी उपस्थित थे। लोहिया के शब्दों में 'इसके पहले कि गांधीजी अपनी बात पूरी कर पाते, श्री नेहरू ने तनिक आवेश में आकर बीच में उन्हें टोका और कहा कि उनको वे पूरी जानकारी बराबर देते रहे हैं। महात्मा गांधी के दुबारा दुहराने पर कि उन्हें विभाजन की योजना के बारे में जानकारी नहीं थी, श्री नेहरू ने अपनी पहले कही बा...