मोदी सरकार में पूर्वोत्तर का तेजी से होता विकास और खत्म होता उग्रवाद
- डॉ. मयंक चतुर्वेदी
पूर्वोत्तर भारत और यहां के समस्त राज्यों को लेकर एक बात बिना किसी हिचक के हमें स्वीकारनी होगी कि देश के इस हिस्से के प्रति शेष देश में सहज अपनत्व की भावना में प्राय: कमी ही देखी जाती रही है । संभवत: यही वह कारण भी होगा जिसके चलते दुर्भाग्यवश स्वाधीन भारत की लम्बे समय तक केंद्र में रहीं कांग्रेसी सरकार या मिली जुली सरकारों ने न तो पूर्वोत्तर राज्यों के आर्थिक विकास के लिए ठोस प्रयास किये और न ही उनके सामरिक महत्व की पहचान कर उसके लिए आवश्यक कदम ही उठाए । वस्तुत: नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद पूर्वोत्तर की तरफ तेजी के साथ ध्यान दिया जा रहा है, यदि आज यह कहा जाए तो कुछ गलत न होगा । वर्तमान में पूर्वोत्तर को लेकर दिल्ली की सोच में स्पष्ट परिवर्तन दिखाई दे रहा है। सबसे अच्छी बात यह है कि वहां उग्रवाद में बहुत अधिक कमी देखने को मिल रही है और युवा वर्ग का विकास योजनाओं त...