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पोंगापंथी से ऊपर उठें मजहबी

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत में मजहब के नाम पर किस कदर पोंगापंथी कोहराम मचाकर खुश होते हैं? इसका ताजा किस्सा सामने आया है, मुजफ्फरनगर की युवा गायिका फरमानी नाज का। यह घरेलू मुस्लिम महिला है। इस तीस वर्षीय मुस्लिम महिला के खिलाफ कुछ मुस्लिम मौलानाओं ने अपने तोप और तमंचे दागने शुरू कर दिए हैं, क्योंकि उसका गाया हुआ एक भजन ‘हर हर शंभू...’ बहुत लोकप्रिय हो रहा है। उस भजन को इंटरनेट पर अभी तक लगभग 10 लाख लोग सुन चुके हैं। देवबंद के उलेमाओं के वाग्बाणों के बाद कोई आश्चर्य नहीं कि अब नाज के भजनों, गजलों और गीतों को सुननेवालों की संख्या करोड़ों तक पहुंच जाए। हमारे पोंगापंथी मौलानाओं की फरमानी नाज पर यह बड़ी कृपा बरसेगी। मैंने भी फरमानी नाज को सुनने की कोशिश की। उसके शिव भजन में तो मुझे कोई खास रस नहीं आया लेकिन उसकी गजलें सुनकर मैं दंग रह गया। अपने चूल्हे पर गोबर लीपती हुई नाज जो गजल गा रही है, बिन...