किसे नामंजूर है यूनिफॉर्म सिविल कोड?
- आर.के.सिन्हा
आप देख ही रहे होंगे कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी 'समान नागरिक संहिता' को लागू करने की कोशिशें फिर से शुरू होते ही कठमुल्ला मुसलमान और कई तरह के राष्ट्रविरोधी और अलगाववादी तत्व लामबंद होने लगे हैं। वे कहने लगे हैं कि वे इस कानून को कतई स्वीकार नहीं करेंगे। इसके साथ ऐसे लोग भी इसका विरोध कर रहे हैं जो कुछ वर्षों से दलित-मुस्लिम एकता के बड़े पैरोकार होने का दावा करते हैं। अब उन्हें यह कौन बताए कि बाबा साहेब आम्बेडकर ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को देश के लिये निहायत जरूरी बताया था। बाबा साहेब ने 23 नवंबर 1948 को संविधान सभा की बहस में यूनिफॉर्म सिविल कोड के हक में जोरदार भाषण दिया था । जो मुसलमान मुस्लिम पर्सनल लॉ के लिए मरने-मारने की बातें कर रहे हैं, उनसे पूछा जाना चाहिए कि उन्हें शरीयत कानून इतना ही प्रिय है तो वे बैंकों से मिलने वाले ब्याज को क्यों लेते हैं। इस्लाम में तो...