जयन्ती विशेष : मानवता के पुजारी थे रामकृष्ण परमहंस
- रमेश सर्राफ धमोरा
स्वामी रामकृष्ण परमहंस भारत के सुप्रसिद्ध संत, महान विचारक व मानवता के पुजारी थे। स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने सभी धर्मों को एक बताते हुए उनकी एकता पर जोर दिया था। उनका मानना था कि सभी धर्मों का आधार प्रेम है। उन्हें बचपन से ही विश्वास था कि ईश्वर के दर्शन हो सकते हैं। ईश्वर की प्राप्ति के लिए उन्होंने कठोर साधना और भक्ति की। अपनी साधना से रामकृष्ण इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि संसार के सभी धर्म सच्चे हैं और उनमें कोई भिन्नता नहीं है। वे ईश्वर तक पहुंचने के भिन्न-भिन्न साधन मात्र हैं।
इनका जन्म पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में कामारपुकुर नामक गांव में 18 फरवरी 1836 को एक निर्धन निष्ठावान ब्राहमण परिवार में हुआ था। इनके जन्म पर ही ज्योतिषियों ने रामकृष्ण के महान भविष्य की घोषणा कर दी थी। ज्योतिषियों की भविष्यवाणी सुन इनकी माता चन्द्रा देवी तथा पिता खुदिराम अत्यन्त प्रसन्न हुए। इ...