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चतुर्मास  : व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र निर्माण की अवधि

चतुर्मास : व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र निर्माण की अवधि

अवर्गीकृत
- रमेश शर्मा भारतीय वाड्मय में चातुर्मास का विशेष महत्व है । यह आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी से आरंभ होता है । इसका समापन कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की एकादशी को होगा । मान्यता है कि इन चार माह में भगवान नारायण पाताल लोक में विश्राम करते हैं इसलिये कोई शुभ काम नहीं होते। लेकिन आश्चर्यजनक यह है कि यदि चतुर्मास में कोई पवित्र कार्य नहीं हो सकते तब सनातन परंपरा के सभी बड़े और महत्व पूर्ण त्यौहार जैसे गुरु पूर्णिमा, रक्षाबंधन, नागपंचमी, ऋषि पंचमी, गणेशोत्सव, जन्माष्टमी, संतान सप्तमी, करवा चौथ, हरियाली अमावस, पितृपक्ष, नवरात्र, दशहरा, दीवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज आदि सभी बड़े त्यौहार इसी अवधि में ही आते हैं । बड़े त्यौहारों में केवल होली है जो इस चतुर्मास की अवधि से बाहर है । यदि कोई शुभ कार्य नहीं हो सकते तो बड़े बड़े त्यौहारों की शृंखला का प्रावधान इसी अवधि में क्यों किया गया है ? इस प्रश्न ...
मप्रः बच्चे का मुंडन कराने जा रहे परिवार की ट्रैक्टर ट्रॉली नहर में गिरी, चार की मौत, सात घायल

मप्रः बच्चे का मुंडन कराने जा रहे परिवार की ट्रैक्टर ट्रॉली नहर में गिरी, चार की मौत, सात घायल

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के श्योपुर जिले (Sheopur district) में ढोढर थाना क्षेत्र में बुधवार को दोपहर में बच्चे का मुंडन कराने के लिए माता मंदिर पर जा रहे परिवार की ट्रैक्टर-ट्रॉली अनियंत्रित (tractor-trolley uncontrolled) होकर सूखी नहर में गिर गई। इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि सात लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों में दो सगे भाई-बहन और दो महिलाएं शामिल हैं। चारों ही आपस में रिश्तेदार थे। ढोढर थाना पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम खिरखिरी निवासी भूर सिंह माली के बेटे का मुंडन कार्यक्रम श्यामपुर क्षेत्र स्थित टोड़ी वाली माता मंदिर पर होना था। बुधवार को परिवार और रिश्तेदार दो ट्रैक्टर-ट्रालियों में सवार होकर माता मंदिर के लिए रवाना हुए थे। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे चंबल नहर रोड से गुजरते समय बलावनी और टर्राखु...
चतुर्मास : व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र निर्माण की अवधि

चतुर्मास : व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र निर्माण की अवधि

अवर्गीकृत
- रमेश शर्मा भारतीय वाड्मय में चतुर्मास का विशेष महत्व है । यह अवधि आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी से आरंभ होकर कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तक पूरे चार माह रहती है । मान्यता है कि इस अवधि में भगवान नारायण पाताल लोक में विश्राम करते हैं इसलिये कोई शुभ काम नहीं होते। लेकिन आश्चर्यजनक पक्ष यह है कि यदि चतुर्मास में देव शयन होता है और कोई पवित्र कार्य नहीं हो सकते तब सनातन परंपरा के सभी बड़े और महत्व पूर्ण त्योहार जैसे गुरु पूर्णिमा, रक्षाबंधन, नागपंचमी, ऋषि पंचमी, गणेशोत्सव, जन्माष्टमी, संतान सप्तमी, करवा चौथ, हरियाली अमावस, पितृपक्ष, नवरात्र, दशहरा, दीवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज आदि सभी बड़े त्योहार इसी चार माह की अवधि में ही आते हैं । बड़े त्योहारों में केवल होली है जो इस चतुर्मास की अवधि से बाहर है । यदि कोई शुभ कार्य नहीं हो सकते तो बड़े-बड़े त्योहारों की शृंखला का प्रावधान इसी अवधि मे...
मप्र में बहनें हो रहीं आत्म-निर्भर, परिवार-समाज में बढ़ रहा उनका सम्मान : शिवराज

मप्र में बहनें हो रहीं आत्म-निर्भर, परिवार-समाज में बढ़ रहा उनका सम्मान : शिवराज

देश, मध्य प्रदेश
-लाडली बहना सम्मेलन में शामिल हुए मुख्यमंत्री, 90 करोड़ के विकास कार्यों का किया लोकार्पण-भूमि-पूजन भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में एक सामाजिक क्रांति हो रही है, जिसमें बहनें आत्म-निर्भर हो रही हैं और उनका परिवार और समाज में सम्मान बढ़ रहा है। आजीविका मिशन में जहां स्व-सहायता समूह के रूप में संगठित महिलाओं को विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के लिए सरकार सहायता दे रही है, वहीं लाडली बहना जैसी योजना से उन्हें आगामी 10 जून से प्रतिमाह 1000 रुपये की राशि दी जाएगी। लाडली लक्ष्मी योजना में अभी तक प्रदेश की 44 लाख 90 हजार बेटियों को लखपति बनाया है। मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार को देवास जिले के सोनकच्छ में लाडली बहना सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने लगभग 90 करोड़ रुपये की लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण/भूमि-पूजन किया। साथ ही मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योज...
सृष्टि का आधार है परिवार, इसे बिखरने न दें

सृष्टि का आधार है परिवार, इसे बिखरने न दें

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- सियाराम पांडेय 'शांत' पूरी दुनिया 15 मई को विश्व परिवार दिवस मनाएगी। संयुक्त राष्ट्र संघ की पहल पर यह सहमति बनी थी कि साल में एक दिन विश्व परिवार दिवस मनाया जाए। वर्ष 1994 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस मनाया गया था। तब से अब तक यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। हालांकि विश्व परिवार दिवस मनाने का प्रस्ताव तो संयुक्त राष्ट्र संघ में 1989 में ही पारित हो गया था लेकिन इसे व्यावहारिक धरातल पर उतरने में पांच साल लग गए। खैर, देर आयद-दुरुस्त आयद। परिवार को जोड़े रखने का, उससे जुड़े रहने की पहल का ही नतीजा है कि दुनिया भर में हर साल अलग-अलग थीम पर विश्व परिवार दिवस मनाया जाता है। लेकिन, इस तरह के नवोन्मेष की जरूरत क्यों पड़ी, यह अपने आप में विचार का विषय है। भारत तो सदियों से पूरी धरती को अपना परिवार मानता रहा है। उसने वसुधैव कुटुम्बकम का मंत्र यूं ही नहीं दिया था। कोलंबस और वास्को डिगामा की खो...
“लाडली बहना योजना” से परिवार के साथ देश-प्रदेश भी बनेगा सशक्तः शिवराज

“लाडली बहना योजना” से परिवार के साथ देश-प्रदेश भी बनेगा सशक्तः शिवराज

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि "लाडली बहना योजना" ("Ladli Behna Yojana") से घर परिवार के साथ ही देश और प्रदेश भी सशक्त बनेगा। मुख्यमंत्री चौहान मंगलवार को बैरसिया के नजदीक पातलपुर में औद्योगिक पार्क और समूह जल प्रदाय योजना का भूमि-पूजन करने के बाद विशाल जन समुदाय को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में स्थानीय विधायक विष्णु खत्री और रोजगार बोर्ड के अध्यक्ष सुशील शर्मा भी पर मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं अपने परिवार के बीच आया हूँ। मैं मुख्यमंत्री बाद में हूँ और भांजे-भांजियों का मामा, बहनों का भाई और बड़े-बुजुर्गों का बेटा पहले हूँ। उन्होंने कहा कि विकास यात्राओं से परिवार के विकास और कल्याण की योजनाएं लेकर वे बैरसिया आए हैं। उन्होंने सबसे पहले बहनों से संवाद किया और कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में यह भाई रक्षाबंधन तो ठीक अब ...
भारतीय चिंतन में समूचा संसार परिवार

भारतीय चिंतन में समूचा संसार परिवार

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- ह्रदय नारायण दीक्षित विश्व मानवता तनावग्रस्त है। रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव विश्वव्यापी है। तनाव का उपचार भारतीय चिंतन में है। संस्कृति में है। समूचे विश्व को आनंदित करने और श्रेष्ठ मनुष्य -आर्य बनाना वेदों का उद्देश्य है। भारतीय ज्ञान परंपरा में वेदों का सुप्रतिष्ठित आदर रहा है। कृतज्ञ मानवता ने वेदों को भगवान की वाणी कहा है। वेद के निंदक यहां नास्तिक कहे जाते हैं और वेदों को मानने वाले आस्तिक। वर्तमान हिन्दू धर्म वैदिक धर्म का विस्तार है। वेदों में सांसारिक जीवन को माधुर्य बनाने के सूत्र हैं। विभिन्न आधिभौतिक प्रश्नों के समाधान भी हैं। तत्व मीमांसा व ज्ञान मीमांसा भी है। वैदिक संहिता के बाद में ब्राह्मण ग्रंथों की रचना हुई। ब्राह्मण ग्रंथ वैदिक सूक्तों के आध्यात्मिक रहस्यों की व्याख्या है। इसी के साथ आरण्यक ग्रन्थ भी हैं। शब्द ब्राह्मण का अर्थ ब्राह्मण वर्ण या जाति से नहीं है। दुर्भा...

प्रदेश में कोई भूखा और कोई भी परिवार बिना मकान के भी नहीं रहेगाः शिवराज

देश, मध्य प्रदेश
- राजगढ़ जिले को शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय की सौगात. 10 हजार से अधिक को पीएम आवास योजना में करवाया गृह प्रवेश भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि जनता की सेवा (Public service) और प्रदेश का विकास (development state) उनकी सरकार का एक मात्र लक्ष्य है। उनकी सरकार जनता की है और जनता की सेवा भगवान की पूजा जैसी है, मैं अपनी जनता का पुजारी हूँ। मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान इसलिए चलाया गया है कि सभी पात्र नागरिकों को रोटी, कपड़ा, मकान, दवाई, पढ़ाई और रोजगार जैसी योजनाओं का लाभ दिलाया जा सकें। उनके राज में प्रदेश में कोई भूखा और कोई भी परिवार बिना मकान के भी नहीं रहेगा। चाहे सरकार को जमीन खरीदना पड़े, पर किसी भी परिवार को बिना मकान के नहीं रहने देंगे। मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को राजगढ़ जिला मुख्यालय पर 256 करोड़ रुपये लागत वाले शासकीय मेडिकल कॉलेज का भूम...