विशेष: नेत्रदान का संकल्प करें, मृत्यु के बाद मृत्युंजय बनें
- डॉ. अविनाश चन्द्र अग्निहोत्री
राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा एक अभियान है, जो प्रत्येक वर्ष 25 अगस्त से 08 सितम्बर तक 15 दिनों के लिए शासकीय व अशासकीय संस्थाओं द्वारा मनाया जाता है। दृष्टिहीनता के नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में यह समस्त भारत में आयोजित किया जाता है। राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा 1985 में शुरू हुआ था। वास्तव में नेत्रदान पखवाड़े का दायित्व स्वास्थ्य मंत्रालय तथा केंद्र सरकार के कंधों पर रहता है। राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अशासकीय सेवा भावी संस्थाएं भी अपनी अहम भूमिका का निर्वाह करती हैं। इसका उद्देश्य अंधत्व निवारण के लिए नेत्रदान के महान कार्य को प्रोत्साहित करना है। साथ ही लोगों को मृत्यु उपरांत नेत्रदान के लिए प्रेरित करना है। देश 38वां नेत्रदान पखवाड़ा मना रहा है।
माधव नेत्रपेढी की स्थापना 1995 में हुई। तभी से माधव नेत्...