Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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निर्यात शुल्क हटाने से इस्पात उद्योग में वृद्धि के नए युग का आगाजः सिंधिया

निर्यात शुल्क हटाने से इस्पात उद्योग में वृद्धि के नए युग का आगाजः सिंधिया

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली। इस्पात उत्पादों (steel products) पर निर्यात शुल्क हटाने (Removal of export duty) से घरेलू उद्योग में वृद्धि (growth of domestic industry) के नए युग की शुरुआत होगी। इस फैसले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ी है। केंद्रीय इस्पात और नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने भारतीय इस्पात संघ (आईएसए) के तीसरे सम्मेलन में सोमवार को यह बात कही। सिंधिया ने यहां आईएसए के सम्मेलन में कहा कि घरेलू इस्पात उद्योग को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पैठ जमाने में कई साल लगे हैं। हमारे उद्योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में महीनों नहीं, बल्कि कई साल लगे हैं। इससे इस्पात उद्योग में वृद्धि का एक नया युग शुरू हो गया है। इस्पात उत्पादों पर निर्यात शुल्क हटाने का निर्णय सभी हितधारकों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए सोच समझकर लिया गया है। ग...
सरकार ने इस्पात पर निर्यात शुल्क घटाया, अधिसूचना जारी

सरकार ने इस्पात पर निर्यात शुल्क घटाया, अधिसूचना जारी

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली। सरकार ने इस्पात इंडस्ट्रीज (Ispat Industries) को बड़ी राहत देते हुए स्टील उत्पादों और लौह अयस्क (steel products and iron ore) पर लगने वाला निर्यात शुल्क घटा (export duty reduced) दिया है। इससे इस्पात उत्पादों और लौह अयस्क का निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्रालय ने देर रात इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है, जो 19 नवंबर से लागू हो गया है। वित्त मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी बयान के मुताबिक सरकार ने इस्पात पर निर्यात शुल्क के मामले में 22 मई, 2022 से पहले की यथास्थिति को बहाल कर दिया है। सरकार ने पिग आयरन और स्टील उत्पादों के साथ-साथ लौह अयस्क पेलेट्स पर निर्यात शुल्क शून्य करने का फैसला किया है। इसके साथ ही 58 फीसदी से कम लौह वाले लौह अयस्क लम्प्स और फाइन्स पर निर्यात शुल्क शून्य किया गया है जबकि 58 फीसदी से अधिक लौह वाले लौह अयस्क लम्प्स और फाइन्स पर अब निर्यात शु...

सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर 20 फीसदी निर्यात शुल्क लगाया

देश, बिज़नेस
-घरेलू आपूर्ति बढ़ाने को उठाया यह कदम नई दिल्ली। सरकार (Government) ने घरेलू आपूर्ति बढ़ाने (increase domestic supply) के लिए उसना चावल को छोड़कर गैर-बासमती चावल (non-basmati rice) पर 20 फीसदी निर्यात शुल्क (20 percent export duty) लगाया है। सरकार ने यह कदम चालू खरीफ सत्र में धान की फसल का रकबा घटने एवं उत्पादन अनुमान से कम होने के आसार के बीच लगाया है। राजस्व विभाग की ओर से गुरुवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक यह निर्यात शुल्क 9 सितंबर, शुक्रवार से लागू होगा। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के मुताबिक उसना चावल और बासमती चावल को छोड़कर अन्य किस्मों के चावल के निर्यात पर 20 फीसदी का सीमा शुल्क लगेगा। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत वित्त वर्ष 2021-22 में 2.12 करोड़ टन चावल का निर्यात किया था। इसमें 39.4 लाख टन बासमती चावल था। इस अवधि में गैर-बासमती चावल का निर्यात...