स्मृति शेषः एक सुरुचिपूर्ण सपाटबयान पत्रकार का अवसान
- डॉ. प्रभात ओझा
डॉ. वेद प्रताप वैदिक के बारे में निजी अनुभव इस लेखक जैसे अनेक लोगों के हो सकते हैं। मीडिया के किसी संस्थान में वैदिक जी का लेख छापने अथवा जारी करने से पहले उससे होकर गुजरना सुखकर के साथ नित नई जानकारी हासिल करना था। कम शब्दों में गंभीर से गंभीर विषय पर सारगर्भित लेखन डॉ. वैदिक की विशेषता रही है। मंगलवार सुबह जब उनका निधन हुआ, उसके ठीक पहले सुबह ही अखबारों में उनका अंतिम लेख पढ़ने को मिला।
लेख में वे हमारे पड़ोसी चीन की चाल सहज समझा गये। अपने लेख में वे बताते हैं कि ईरान और सऊदी अरब के बीच समझौता कराने का श्रेय लेकर चीन इन दोनों देशों से भारत के अच्छे संबंधों पर असर डालना चाहेगा। सऊदी अरब और ईरान भारत के अच्छे मित्र हैं, परन्तु उन दोनों के आपसी संबंध करीब सात साल से बहुत ही खराब चल रहे थे। उनमें मेल कराने के बाद चीन दोनों को अहसास करना चाह रहा है कि वह उन दोनों के लिए भार...