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मुंतशिर के बहाने याद आए वीर बंदा बैरागी, जब सिखों ने भी छोड़ दिया था उनका साथ!

मुंतशिर के बहाने याद आए वीर बंदा बैरागी, जब सिखों ने भी छोड़ दिया था उनका साथ!

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-डॉ. मयंक चतुर्वेदी इस समय राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे कई विषयों में से एक फिल्म 'आदिपुरुष' की चर्चा भी है । चर्चा के केंद्र में फिल्म से अधिक इसके संवाद लिखने वाले मनोज मुंतशिर हैं, जिनकी रचनाएं पिछले दिनों राष्ट्रीय चेतना जागरण के संदर्भ में देश भर में चारो ओर सुनाई देती रही हैं। अभी भी देश में अनगिनत लोग ऐसे मिल जाएंगे जिनके मोबाइल की रिंगटोन मनोज मुंतशिर के लिखे किसी गाने के मुखड़े से शुरू होती है। यहां बात फिल्म 'आदिपुरुष' में लिखे संवाद पर विवाद की हो या बजरंगबली को उनके द्वारा प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त कहे जाने पर, जो भी हो। फिलहाल सर्वत्र उनसे जुड़ा विवाद इतना गहराया हुआ है कि कल तक उनके जो समर्थक रहे, आज वह उनसे नाराज हैं। उनके लिए जो नहीं कहा जाना चाहिए, वह तक कहा जा रहा है। कुछ हद तक यह स्वभाविक भी लगता है। क्योंकि जिस जनता ने इन्हें नाम और पहचान दी, वही आज उनसे नाराज होने का ह...
बृजभूषण के बहाने केंद्र को घेरने का चक्रव्यूह हुआ व्यर्थ, अब क्या करेगा विपक्ष?

बृजभूषण के बहाने केंद्र को घेरने का चक्रव्यूह हुआ व्यर्थ, अब क्या करेगा विपक्ष?

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- डॉ. मयंक चतुर्वेदी एक खबर आई और देखते ही देखते सब कुछ बदल गया। हमलावर विपक्ष के हाथ से रेत की तरह मुद्दा फिसल गया। भाजपा के विरोधियों ने केंद्र की मोदी सरकार को बृजभूषण के बहाने घेरने के लिए झूठ का कितना बड़ा महल खड़ा किया, वह अब सभी के सामने आ गया है। दावे इतने किए गए कि पहलवान तो पहलवान कई राजनीतिक पार्टियां, अपने को किसान संगठन कहनेवाले अनेक दल मुद्दे को पकड़कर भागने की दौड़ में लग गए थे। देखें, आखिर जीतता कौन है ! इस पूरे प्रकरण की शुरुआत इस साल 18 जनवरी को हुई थी, जब देश के नामी रेसलर बंजरग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचे और भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर तानाशाही करने एवं भेदभाव के आरोप लगाए। उस समय वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीत चुकी विनेश फोगाट को पूरे देश ने रोते हुए देखा था। इन लोगों के साथ उन तमाम मोदी विरोधी आन्दो...
ऋषि सुनक के बहाने भारतीय ज्ञान परम्परा की ताजा होती यादें

ऋषि सुनक के बहाने भारतीय ज्ञान परम्परा की ताजा होती यादें

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- डॉ. मयंक चतुर्वेदी ऋषि सुनक को आज दुनिया जान रही है। वे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री हैं, किंतु भारत में भी शौनक ऋषि हुए हैं, जोकि शुनक ऋषि के पुत्र थे। तत्कालीन समय के वे प्रसिद्ध वैदिक आचार्य थे। शतपथ ब्राह्मण के निर्देशानुसार इनका पूरा नाम इंद्रोतदैवाय शौनक था। ऋषि शौनक दस सहस्त्र शिष्यों के गुरुकुल के कुलपति थे । पुराणों में इनका और सप्त ऋषियों का विस्तृत वर्णन मिलता है । इन्होंने कई अश्वमेध यज्ञ करवाए । इनकी वंश परम्परा को देखें तो सबसे पहले ''प्रमद्वरा को सर्पदंश'' नामक कथा महाभारत के अष्टम अध्याय में आदिपर्व के अन्तर्गत पौलोम पर्व में मिलती है। जिसमें कि ऋषि शुनक के कुल-गोत्र के बारे में विस्तार से बताया गया है। स चापि च्यवनो ब्रह्मन् भार्गवोऽजनयत् सुतम्। सुकन्यायां महात्मानं प्रमतिं दीप्ततेजसम् ॥ प्रमतिस्तु रुरुं नाम घृताच्यां समजीजनत्। रुरुः प्रमद्वरायां तु शुनकं समजीजनत् ॥ महर...