सबके लिए आदर्श है अहिल्याबाई का जीवन
- रमेश शर्मा
संसार में कुछ ऐसी विभूतियां भी जन्मी हैं जो अवतारी तो नहीं थीं लेकिन उनका व्यक्तित्व और कृतित्व अवतारी शक्तियों के समतुल्य रहा । इंदौर की महारानी देवि अहिल्याबाई का व्यक्तित्व ऐसा ही था । उन्हें "देवि" किसी दरवारी कवि ने नहीं कहा, अपितु जन सामान्य ने कहकर पुकारा । उनका सादगीपूर्ण जीवन, धर्म, संस्कृति और राष्ट्र के लिये समर्पण जीवन, उनके द्वारा किये गये जन कल्याणकारी कार्य, विशेषकर किसानों और महिलाओं के हित में लिये गये उनके निर्णयों ने उनकी ओर पूरे भारत के शासकों का ध्यान आकर्षित किया । यह उनके व्यक्तित्व की विशेषता ही है कि आज लगभग तीन सौ वर्ष बीत जाने के बाद भी वे जन सामान्य में सम्मान और श्रृद्धा का केन्द्र हैं।
वे सही मायने में अजातशत्रु थीं। उनके जीवन के किसी प्रसंग पर, कोई नई नीति बनाने या निर्णय लेने के औचित्य पर अथवा उनकी कार्यशैली पर कभी किसी ने कोई नकारात्मक टि...