अंतरिक्ष की दुनिया में भारत का परचम
- योगेश कुमार गोयल
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) एक के बाद एक नया इतिहास रच रहा है। बीते कुछ वर्षों में इसरो के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष की दुनिया में कई बड़े मुकाम हासिल किए हैं। अब 26 नवम्बर को इसरो ने अंतरिक्ष की दुनिया में एक बार फिर कमाल करते हुए सफलता की नई इबारत लिखी है।आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से इसरो ने महासागरों के वैज्ञानिक अध्ययन और चक्रवातों पर नजर रखने के लिए तीसरी पीढ़ी के ओशनसैट सैटेलाइट का प्रक्षेपण किया। इसरो ने 44.4 मीटर लंबे अपने विश्वसनीय पीएसएलवी-54 रॉकेट से ईओएस-06 मिशन के तहत कुल 321 टन भार के साथ उड़ान भरी और ओशनसैट-3 सैटेलाइट के अलावा भूटान के एक उपग्रह सहित 8 नैनो उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण किया। यह इस वर्ष का इसरो का पांचवां और आखिरी कामयाब मिशन है। इसरो के पीएसएलवी (पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल) रॉकेट का यह 54वां तथा पीएसएलवी-एक्सए...