सामाजिक परिवर्तन और उद्यमिता को प्रोत्साहन
- सौरभ गर्ग
सामाजिक परिवर्तन के एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में उद्यमिता की मान्यता पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। उद्यमिता न केवल आर्थिक मूल्य सृजित करती है, बल्कि यह लोगों को अपने अधिकारों का प्रयोग करने तथा पारंपरिक मानदंडों से मुक्त होने के लिए सशक्त भी बनाती है। स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के साथ एकीकृत करने की दृष्टि से, सरकार ने हाशिए पर रहने वाले एवं कमजोर समुदाय के लोगों के भीतर उद्यमिता को प्रोत्साहित करने हेतु कई सक्रिय कदम उठाए हैं। उद्यमिता के प्रोत्साहन का यह दृष्टिकोण उस समावेशी विकास के इर्द-गिर्द घूमता है, जहां कोई भी पीछे नहीं छूटे और सभी नागरिकों, चाहे उनकी पृष्ठभूमि या सामाजिक हैसियत कुछ भी हो, को अवसर समान रूप से सुलभ हों। विभिन्न रणनीतिक पहलों एवं अभिनव कार्यक्रमों के माध्यम से, सरकार का उद्देश्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों को सशक्त...