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MP: बीना के पास कोयले से लदी मालगाड़ी के इंजन में लगी आग

MP: बीना के पास कोयले से लदी मालगाड़ी के इंजन में लगी आग

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। सागर जिले (Sagar district) में बीना (coming towards Bina) की तरफ आ रही कोयले से लदी ( laden coal) मालगाड़ी (Goods train) के इंजन (engine) में सेमरखेड़ी गांव (Semarkhedi village) के पास शनिवार शाम को अचानक आग (fire) लग गई। घटना बीना-गुना रेलवे ट्रैक (Bina-Guna Railway Track) पर हुई, जिसके बाद ट्रेन को वहीं रोक दिया गया। आनन-फानन में आग बुझाने के लिए बीना रिफाइनी, जेपी पावर प्लांट से फायर ब्रिगेड बुलाई गई, लेकिन एप्रोच रोड नहीं होने के कारण दोनों समय पर नहीं पहुंच गई। नगरपालिका की फायर लारी किसी तरह वहां पहुंची और आग बुझाने का प्रयास शुरू किया। हालांकि, काफी देर बाद बीना रिफाइनरी और जेपी पावर प्लांट की दमकलें भी मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। जानकारी के अनुसार, पीसीएमसी गुड्स ट्रेन दो इलेक्ट्रिकल इंजन के साथ कोयला लेकर गुना से बीना की ओर जा रही थी। इस...
उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए वृद्धि का इंजन बनना जरूरी: सीतारमण

उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए वृद्धि का इंजन बनना जरूरी: सीतारमण

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने उभरती अर्थव्यवस्थाओं (emerging economies) के लिए वृद्धि का इंजन बनना और दुनिया के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों (challenges) के समाधान में मदद करना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि जी-20 की अध्यक्षता (Chairmanship of G-20) उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए महत्वपूर्ण चरण में आई है। वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए नए सिरे से स्वयं को स्थापित करने के लिए तीन साल काफी महत्वपूर्ण है। सीतारमण ने मंगलवार को सियोल में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत पर केवल सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के तौर पर ही नहीं, बल्कि जिस तरह इसने कोरोना महामारी को संभाला है। आर्थिक पुनरुद्धार को आगे बढ़ाया है, उसके कारण भी दुनिया के देशों की नजर उस पर है। उन्होंने कहा कि विकसित देशों में मंदी की आशंका है।...

कहीं कांग्रेस का इंजन भी हांफने न लगे

अवर्गीकृत
- धर्मेन्द्र कुमार सिंह भारत जैसे लोकतांत्रिक राष्ट्र के प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने का ख्वाब देखते हुए आलू से सोना बनाने और महंगाई पर 40 रुपये लीटर आटा की टिप्पणी करने वाले कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी देश-विदेश मे हंसी एवं मजाक के पात्र बने हुए हैं। साथ ही न्यायपालिका एवं मीडिया पर अमर्यादित टिप्पणी कर अपनी राजनीतिक अपरिपक्वता और बौद्धिक दिवालियापन प्रमाण दे चुके हैं। अपनी खीझ निकालकर भाजपा और ईडी को कठघरे मे खड़ा करने वाले राहुल गांधी आज खुद देश की जनता की अदालत में सवालों के घेरे में हैं । खुन्नस में शायद राहुल यह भूल गए कि "ये पब्लिक है सब जानती है"। राहुल के लिए लोकतंत्र के चारों स्तंभ गलत हैं । तब सवाल है कि फिर संविधान बचाने और देश बचाने की दुहाई क्यों देते हैं । राहुल गांधी विधायिका और कार्यपालिका पर पहले ही उंगली उठा चुके हैं और लगातार टिप्पणियां कर ...