Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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अपने ही प्रधानमंत्रियों का दुश्मन पाक

अपने ही प्रधानमंत्रियों का दुश्मन पाक

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- आर.के. सिन्हा पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी पर हैरान होने की जरूरत नहीं है। हालांकि वह रिहा हो चुके हैं। पाकिस्तान में इमरान से पहले भी कई प्रधानमंत्रियों को जेल की हवा खानी पड़ी है। सबसे पहले 1960 में सैनिक तानाशाह अयूब खान ने प्रधानमंत्री हुसैन शहीद सुहरावर्दी को जेल भेजा था। सुहारावर्दी देश के विभाजन से पहले बंगाल राज्य के प्रधानमंत्री थे। तब किसी राज्य के मुखिया को प्रधानमंत्री ही कहा जाता था। जब 1946 में जिन्ना के डायरेक्ट एक्शन के आह्वान के बाद कोलकाता में हिंसा भड़की तब सुहारावर्दी ही बंगाल के प्रधानमंत्री थे। कहते हैं कि उन्होंने हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा को रुकवाने की कोई चेष्टा नहीं की थी। हिंसा को हवा जरूर दी। खैर, उनके बाद जुल्फिकार भुट्टो को जालंधर में पैदा हुए जिया उल हक ने जेल भेजा। उसके बाद भुट्टो को फांसी भी हुई। भुट्टो के बाद उनकी बेटी बेनजीर भ...

हैदराबाद नि:शस्त्र प्रतिरोध-3 (अंतिम): जब बाबा साहेब अंबेडकर ने हैदराबाद निजाम को भारत का शत्रु कहा

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- डॉ. श्रीरंग गोडबोले हैदराबाद निजाम के संबंध में तत्कालीन तीन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय नेताओं की भूमिकाओं को समझना आवश्यक है। ये तीन नेता हैं, महात्मा गांधी, स्वातंत्र्यवीर सावरकर और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर। गांधीजी से सैद्धांतिक मतभेद रखने वाले, कांग्रेस में कभी भी प्रवेश न करने वाले और इस्लाम का सूक्ष्म एवं मौलिक अध्ययन करने वाले बीसवीं सदी के दो हिंदू नेताओं, वीर सावरकर और डॉ. अंबेडकर का उल्लेख करना प्रासंगिक होगा। गांधीजी की निजाम विषयक भूमिका निजाम के विषय में ही नहीं, बल्कि सभी रियासतों के अंदर चले जनांदोलनों में भी गांधीजी की भूमिका आरंभ में मात्र एक दर्शक की ही थी। दिनांक 8 जनवरी, 1925 को भावनगर में आयोजित तीसरी राजनैतिक परिषद के अध्यक्ष के नाते बोलते हुए गांधीजी ने कहा था, “हिन्दुस्तान की रियासतों से संबंधित प्रश्नों के संबंध में कांग्रेस को सामान्यत: अहस्तक्षेप की नीति अपनानी चाहिए...

दुश्मन हो ‘साथी’ तो कैसे बचेंगे हाथी

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- मुकुंद दुनिया में हाथियों की घटती संख्या चिंता का ही नहीं, भविष्य के प्रकृतिजन्य संकट का आभास भी करा रही है। केरल के पेरियार में 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस के मुख्य आयोजन पर तमाम नई-पुरानी संरक्षण की योजनाओं पर चर्चा की गई। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे के अलावा केरल के वन और वन्यजीव मंत्री एके शशिंद्रन आदि ने पेरियार की धरा से हाथियों के संरक्षण के संकल्प को दोहराया। हाथियों की लगातार घटती संख्या से चिंतित दुनिया में 12 अगस्त, 2012 को आधिकारिक तौर पर विश्व हाथी दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। भारत में हाथियों की गणना आखिरी बार 2017 में हुई थी। तब भारत में हाथियों की कुल संख्या 30 हजार थी। जैसे-जैसे साल गुजरते गए, इनकी आबादी कम होती गई। भारत में हाथियों की घटती संख्या की बड़ी वजह एश...