Friday, September 20"खबर जो असर करे"

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वैश्‍विक संकेत : अमेरिकी बादशाहत का अंत निकट तो नहीं

वैश्‍विक संकेत : अमेरिकी बादशाहत का अंत निकट तो नहीं

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- प्रहलाद सबनानी अमेरिका विश्व के लगभग समस्त देशों पर अपनी चौधराहट सफलतापूर्वक लागू करता रहा है। पूरे विश्व में, एक तरह से लगभग समस्त क्षेत्रों में, विभिन्न प्रकार की नीतियों को प्रभावित करने में अमेरिका सफल रहा है एवं इस प्रकार अपनी प्रसारवादी नीतियों को भी लागू करता रहा है। परंतु, हाल ही के वर्षों में अमेरिका की आंतरिक स्थिति, लगभग समस्त क्षेत्रों यथा आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक आदि में लगातार बिगड़ती जा रही है। अमेरिका सहित विकसित देशों की, आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र में, आंतरिक स्थिति को देखते हुए अब तो पश्चिमी सभ्यता पर ही प्रश्नचिन्ह लगने लगे हैं। अमेरिका सहित अन्य विकसित देशों में आर्थिक विपन्नता एवं परिवार तथा समाज के खंड-खंड होने के बाद पश्चिमी सभ्यता को पतित सभ्यता कहा जाने लगा है और इसे अब अमेरिकी बादशाहत के अंत की शुरुआत भी माना जाने लगा है। अमेरिका में तो राष्ट्रीय ऋण 35 लाख...
एक झटके में नहीं, सही नीति और साफ नीयत से खत्म होगी गरीबी

एक झटके में नहीं, सही नीति और साफ नीयत से खत्म होगी गरीबी

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- डॉ. आशीष वशिष्ठ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 13 अप्रैल को बस्तर में चुनावी सभा में कहा कि कांग्रेस की सरकार केंद्र में बनी तो हम एक झटके में देश से गरीबी खत्म कर देंगे। राहुल गांधी के बयान देने के अगले दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के होशंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के पिपरिया शहर में एक चुनावी रैली के दौरान अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस के 'शाही जादूगर' कहते हैं कि एक झटके में गरीबी मिटा दूंगा। 50 साल पहले उनकी दादी इंदिरा गांधी ने भी गरीबी हटाने का नारा दिया था, लेकिन हुआ क्या? अब राहुल गांधी यह बोलकर गरीबों का अपमान कर रहे हैं, उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंचा रहे हैं। राहुल ने गरीबी हटाने का बयान मोदी सरकार को घेरने के लिए दिया था, लेकिन लगता है कि उन्होंने ये बयान देकर खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है। भाजपा राहुल गांधी को कांग्रेस के पां...
प्रधानमंत्री का संकल्प, सिकल सेल एनीमिया का होगा अंत

प्रधानमंत्री का संकल्प, सिकल सेल एनीमिया का होगा अंत

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- मनसुख मांडविया भारत विविधताओं का देश है और विविधताओं में एकता हमारी पहचान है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन विविधताओं को संजो रखने के लिए एक भारत श्रेष्ठ भारत का मंत्र दिया है। हम एक ऐसे भारत की कल्पना को आगे बढ़ा रहे हैं, जहां पर एक-एक भारतीय के गुणवत्तायुक्त जीवन की चिंता की जाती है। समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक देश की आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ पहुंचा पाएं, इसके लिए भारत सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। भारत में, लगभग 706 विभिन्न जनजातियां हैं, जो कुल जनसंख्या का 8.6% हैं। हमारी जनजातीय आबादी हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग है। भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है-" भारत का अतीत, वर्तमान और भविष्य आदिवासी समुदाय के बिना कभी भी पूरा नहीं होगा।" भारत सरकार जनजातीय नैतिक मूल्य प्रणालियों, परम्पराओं, सामाजिक-आर्थिक स्थितियों और जनजातीय ...
यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए हथियार देना बंद करे पश्चिमी देश: पुतिन

यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के लिए हथियार देना बंद करे पश्चिमी देश: पुतिन

विदेश
-अमेरिका ने घोषणा के कुछ देर बाद ही 325 मिलियन डॉलर के नए डिफेंस मदद की घोषणा की मॉस्को (Moscow)। यूक्रेन युद्ध (ukraine war) समाप्त करने और संकट सुलझाने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने पश्चिमी देशों (western countries) से सैन्य मदद बंद करने (stop military aid) की बात कही है। पुतिन का मानना है कि यूक्रेन संघर्ष के पीछे पश्चिमी देशों का हाथ है। लेकिन पुतिन के इस प्रस्ताव के कुछ देर बाद ही अमेरिका ने यूक्रेन को 325 मिलियन डॉलर के नए रक्षा पैकेज का ऐलान कर दिया। इससे साबित होता है कि अमेरिका समेत पश्चिमी देश यूक्रेन के खुद हार मानने तक सैन्य सहायता देना जारी रखेंगे। रूस ने पिछले साल 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण किया था। तब से दोनों देशों के बीच युद्ध जारी है। पुतिन ने सैन्य संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि दुश्मन किसी भी दिशा में सफल नहीं ...
अपराध के चरम का अंत

अपराध के चरम का अंत

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- प्रमोद भार्गव जब किसी कुख्यात और उसके कुनबे के अपराधों पर कानून के राज की व्यवस्था शून्य हो जाए, तब कुदरत उसके अंत की रचना रचती है। अतीक अहमद के अंत की कहानी यही कह रही है। ऐसे अपराधियों को जब संवैधानिक-राजनीतिक सुरक्षा कवच मिल जाए तो अपराध की भूमिका उनके राजनीतिक और आर्थिक साम्राज्य के विस्तार का कारण बनते जाते हैं। यह सिलसिला तब और निष्ठुर एवं हिंसक हो जाता है, जब पुलिस तो पुलिस अदालत के न्यायाधीश भी ऐसे दुर्दांत के मामले की सुनवाई से इनकार कर दें और राजनेता व राजनीतिक दल संरक्षण देने लग जाएं ? इसीलिए अतीक बेखौफ होकर प्रयागराज में 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल समेत दो पुलिसकर्मियों की सरेआम हत्या करा देता है। हत्यारे कानून व्यवस्था से इतने निश्चित रहते हैं कि चेहरे को ढकने के बजाय खुला रखते हैं, जिससे उनका खौफ कायम रहे कि वह कौन हैं ? झांसी में पुलिस मुठभेड़ में ये हत्यारे मारे जाते हैं। ...
राजस्थान में कांग्रेस को मिटाना होगा आपसी झगड़ा

राजस्थान में कांग्रेस को मिटाना होगा आपसी झगड़ा

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- रमेश सर्राफ धमोरा राजस्थान में दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी तरह चुनावी मूड मे लग रही है। प्रदेश में 18 दिन तक चली राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस संगठन सक्रिय हो गया है। कांग्रेस के नए प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पद संभालते ही लम्बे समय से रिक्त पड़े संगठन के पदों पर नियुक्तियां करवानी प्रारंभ करवा दी है। इससे संगठन में हलचल होने लगी है और सुस्त पड़े कार्यकर्ता भी अब तरोताजा लग रहे हैं। प्रदेश प्रभारी रंधावा ने जहां प्रदेश कांग्रेस के रिक्त पड़े सभी 400 ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्षों में से अधिकांश ब्लॉक अध्यक्षों का मनोनयन करवा दिया है। वहीं पहली बार मंडल इकाई का भी गठन करवाया जा रहा है। यह कांग्रेस में एक नई शुरुआत है। इससे बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को संगठन में पदाधिकारी बनाया जा सकेगा, जिससे कार्यकर्ता पार्टी उम्मीदवार के साथ जुट कर च...
मप्र ने दलहन मिलिंग से प्राप्त खांड, चूरी, छिलका पर दोहरी कर-व्यवस्था समाप्त करने का किया आग्रह

मप्र ने दलहन मिलिंग से प्राप्त खांड, चूरी, छिलका पर दोहरी कर-व्यवस्था समाप्त करने का किया आग्रह

देश, बिज़नेस, मध्य प्रदेश
- जीएसटी काउंसिल की 48वीं बैठक में वर्चुअली शामिल हुए मप्र के वित्त मंत्री देवड़ा भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री जगदीश देवड़ा (Finance and Commercial Tax Minister Jagdish Deora) ने जीएसटी काउंसिल (GST Council) से आग्रह किया है कि दलहन की मिलिंग से प्राप्त खांड, चूरी, छिलका आदि के अंतिम उपयोग के आधार पर दोहरी कर-व्यवस्था को समाप्त किया जाये और इन वस्तुओं को कर मुक्त श्रेणी में रखा जाये। वित्त मंत्री देवड़ा ने शनिवार को जीएसटी काउंसिल की 48वीं बैठक (48th meeting of GST Council) में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शामिल होकर कई मुददों पर अपने विचार रखे। इस मौके पर वाणिज्यिक कर विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी और आयुक्त लोकेश कुमार जाटव भी शामिल हुए। बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। मंत्री देवड़ा ने पंजीयन प्रक्रिया को प्रभावी बनाने मध्यप्रदेश के ...
नशे की बुराई को खत्म करने के लिए नहीं छोड़ेंगे कोई कसरः शिवराज

नशे की बुराई को खत्म करने के लिए नहीं छोड़ेंगे कोई कसरः शिवराज

देश, मध्य प्रदेश
- केंद्रीय गृह की उपस्थिति में मादक पदार्थ तस्करी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा विषय पर हुए क्षेत्रीय सम्मेलन में वर्चुअली शामिल हुए मुख्यमंत्री चौहान भोपाल। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) की उपस्थित में मादक पदार्थ तस्करी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा विषय (national security issue) पर बुधवार को आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) वर्चुअली शामिल हुए। उन्होंने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ड्रग्स भावी पीढ़ी को ही खोखला ही नहीं करता बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा है। प्रदेश में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है। प्रदेश में विगत 2 अक्टूबर से नशामुक्ति अभियान चलाकर लगातार कार्यवाही की जा रही है। नशे की बुराई को समाप्त करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ड्रग्स की सप्लाई चैन के रिडक्शन ...

नौकरियों में आरक्षण खत्म हो

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक सुप्रीम कोर्ट में आजकल आरक्षण पर बहस चल रही है। उसमें मुख्य मुद्दा यह है कि आर्थिक आधार पर लोगों को नौकरियों और शिक्षा-संस्थानों में आरक्षण दिया जाए या नहीं? 2019 में संसद ने संविधान में 103 वां संशोधन करके यह कानून बनाया था कि गरीबी की रेखा के नीचे जो लोग हैं, उन्हें 10 प्रतिशत तक आरक्षण दिया जाए। यह आरक्षण उन्हीं लोगों को मिलता है, जो अनुसूचित और पिछड़ों को मिलनेवाले आरक्षण भी शामिल नहीं हैं। यानी सामान्य श्रेणी या अनारक्षित जातियों को भी यह आरक्षण मिल सकता है। उसका मापदंड यह है कि उस गरीब परिवार की आमदनी 8 लाख रुपये सालाना से ज्यादा न हो। यानी लगभग 65 हजार रुपये प्रति माह से ज्यादा न हो। एक परिवार में यदि चार लोग कमाते हों तो उनकी आमदनी 16-17 हजार से कम ही हो। ऐसा माना जाता है कि गरीबी रेखा के नीचे जो लोग हैं, उनकी संख्या 25 प्रतिशत के आसपास यानी लगभग 30 करोड़ है। ...