Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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वैश्‍विक संकेत : अमेरिकी बादशाहत का अंत निकट तो नहीं

वैश्‍विक संकेत : अमेरिकी बादशाहत का अंत निकट तो नहीं

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- प्रहलाद सबनानी अमेरिका विश्व के लगभग समस्त देशों पर अपनी चौधराहट सफलतापूर्वक लागू करता रहा है। पूरे विश्व में, एक तरह से लगभग समस्त क्षेत्रों में, विभिन्न प्रकार की नीतियों को प्रभावित करने में अमेरिका सफल रहा है एवं इस प्रकार अपनी प्रसारवादी नीतियों को भी लागू करता रहा है। परंतु, हाल ही के वर्षों में अमेरिका की आंतरिक स्थिति, लगभग समस्त क्षेत्रों यथा आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक आदि में लगातार बिगड़ती जा रही है। अमेरिका सहित विकसित देशों की, आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र में, आंतरिक स्थिति को देखते हुए अब तो पश्चिमी सभ्यता पर ही प्रश्नचिन्ह लगने लगे हैं। अमेरिका सहित अन्य विकसित देशों में आर्थिक विपन्नता एवं परिवार तथा समाज के खंड-खंड होने के बाद पश्चिमी सभ्यता को पतित सभ्यता कहा जाने लगा है और इसे अब अमेरिकी बादशाहत के अंत की शुरुआत भी माना जाने लगा है। अमेरिका में तो राष्ट्रीय ऋण 35 लाख...
विश्व की श्रेष्ठतम वीरांगना रानी दुर्गावती का साम्राज्य और गोंडवाना का स्वर्ण युग

विश्व की श्रेष्ठतम वीरांगना रानी दुर्गावती का साम्राज्य और गोंडवाना का स्वर्ण युग

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- डॉ. आनंद सिंह राणा "मृत्यु तो सभी को आती है अधार सिंह, परंतु इतिहास उन्हें ही याद रखता है जो स्वाभिमान के साथ जीये और मरे" -रानी दुर्गावती (आत्मोत्सर्ग के समय अपने सेनापति से कहा था) भारत के हृदय स्थल में स्थित त्रिपुरी के महान कलचुरि वंश का 13 वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में अवसान हो गया था, फलस्वरूप सीमावर्ती शक्तियां इस क्षेत्र को अपने अधीन करने के लिए लिए लालायित हो रही थीं। अंततः इस संक्रांति काल में एक वीर योद्धा जादोंराय (यदुराय) ने, तिलवाराघाट निवासी एक महान् ब्राह्मण संन्यासी सुरभि पाठक के भगीरथ प्रयास से, त्रिपुरी क्षेत्रांतर्गत, गढ़ा-कटंगा क्षेत्र में गोंड वंश की नींव रखी। (यह उपाख्यान आचार्य चाणक्य और चंद्रगुप्त मौर्य की याद दिलाता है) कालांतर में यह साम्राज्य महान गोंडवाना साम्राज्य के नाम से जाना गया।गोंडवाना साम्राज्य का चरमोत्कर्ष का प्रारंभ 48वीं पीढ़ी के महानायक राजा स...

झुनझुनवाला ने 5 हजार की पूंजी से खड़ा किया 46 हजार करोड़ रुपये का एम्पायर

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली। दलाल स्ट्रीट के बिग बुल कहे जाने वाले दिवंगत राकेश झुनझुनवाला ने निवेश की दुनिया में साल 1985 में कदम रखा था। उन्होंने महज पांच हजार रुपये की पूंजी से निवेश की शुरुआत की थी। आज उनकी नेटवर्थ तकरीबन 40 5.8 अरब डॉलर (करीब 46.18 हजार करोड़ रुपये) ज्यादा की है। शेयर बाजार के बिग बुल राकेश झुनझुनवाला 62 साल के थे। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर उनका निधन हो गया। झुनझुनवाला का जन्म 5 अगस्त 1960 को हुआ था। झुनझुनवाला ने पिछले हफ्ते ही 'अकासा' एयरलाइन के साथ सिविल एविएशन सेक्टर में एंट्री ली थी। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके शोक जताया है। राकेश झुनझुनवाला एक समय में स्टॉक मार्केट में बियर थे यानी मंदड़िए। उन्होंनें साल 1992 में हर्षद मेहता घोटाले का खुलासा होने पर शॉर्ट सेलिंग के जरिए बड़ा मुनाफा कमाया था। झुनझुनवाला ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्...