Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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चुनाव के दौरान रंगभेद की राजनीति

चुनाव के दौरान रंगभेद की राजनीति

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- सुरेश हिंदुस्थानी लोकसभा चुनाव के दौरान राजनेताओं के बयान सुनकर ऐसा लगने लगता है कि ये अपनी हदों को पार कर करने लगे हैं। अभी हाल ही में कांग्रेस के नेता सैम पित्रोदा के बयान की मीमांसा की जा रही है। इसका तात्पर्य यही है कि इस नेता ने भारत में भेद पैदा करने के प्रयास किए, जो कभी सफल नहीं होने चाहिए। भारत में जिस प्रकार से सामाजिक विघटन की राजनीति की जा रही है, उससे समाज की शक्ति का लगातार पतन ही हुआ है। कभी तुष्टिकरण तो कभी वोटबैंक की राजनीति के बहाने सामाजिक एकता की राह में अवरोध पैदा करने के प्रयास किये गए, जिसके कारण समाज के कई हिस्से अलग-अलग दुकान खोल कर बैठ गए और इसकी आज की राजनीति ने इसे मुंह मांगा इनाम भी दिया। जिसके कारण भारतीय समाज के बीच जो विविधता की एकता को दर्शाने वाली परंपरा रही, उसकी जड़ों में मट्ठा डालने का अनवरत प्रयास किया गया। यह सभी जानते हैं कि जिस देश का समाज कम...
चुनाव में सिर्फ हिन्दू जातियों पर चर्चा करने वाले कौन?

चुनाव में सिर्फ हिन्दू जातियों पर चर्चा करने वाले कौन?

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- आर.के. सिन्हा हर बार की तरह इस लोकसभा चुनाव में भी अपने को राजनीति का विद्वान बताने वाले ज्ञानियों ने किस संसदीय क्षेत्र में किसके हक में बयार बह रही है, इस विषय पर लिखना-बताना शुरू कर दिया है। वे अपना विश्लेषण रखते हुए बताते हैं कि वहां ( उस संसदीय क्षेत्र में ) इतने फीसद क्षत्रिय, ब्राह्मण, दलित, पिछड़े, अति पिछड़े, यादव वगैरह हैं। यहां तक तो सब ठीक है। पर जातियों का गणित बताने वाले मुसलमानों, सिखों, ईसाइयों की जातियों पर मौन ही रहते हैं। उन्हें जातियों के कोढ़ के बारे में सिर्फ हिन्दुओं की ही चर्चा करनी होती है। उन्हें लगता है कि मानों जातियां सिर्फ हिन्दू धर्म में ही हैं। जैसे कि बाकी धर्मावलंबी किसी जात-पात में यकीन नहीं करते। इससे एक बात बहुत साफ हो जानी चाहिए हमारे यह कथित विद्वान देश की जमीनी हकीकत से कितने नावाकिफ हैं। उन्हें यह मालूम ही नहीं है कि जाति भारत का सच है। कोई इंस...
राहुल गांधी को अमेठी से लड़ना चाहिए चुनाव ?

राहुल गांधी को अमेठी से लड़ना चाहिए चुनाव ?

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- प्रभुनाथ शुक्ल कांग्रेस अमेठी और रायबरेली को लेकर असमंजस में है। अपनी परम्परागत सीट पर अपना उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है। अमेठी और रायबरेली को लेकर मंथन जारी है। कहा यह जा रहा है कि यहां पांचवें चरण में वोटिंग होगी इसलिए पर्याप्त समय है। लेकिन सम्भवत: सच यह है कि अभी राहुल गांधी एवं प्रियंका खुद तय नहीं कर पाए हैं कि उन्हें चुनावी मैदान में उतरना है या नहीं। फिलहाल दिखावे के लिए यह फैसला पार्टी अध्यक्ष खड़गे पर छोड़ दिया गया है। कार्यकर्ता चाहते हैं कि राहुल गांधी और प्रियंका रायबरेली और अमेठी से चुनाव लड़ें। कार्यकर्ताओं की मांग जायज भी है, लेकिन पार्टी राहुल और प्रियंका को उम्मीदवार बनाने में डर क्यों रही है, यह समझ से परे है। उन्हें क्या हार का डर भयभीत कर रहा या फिर वे चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं। ऐसा नहीं है तो उन्हें पार्टी का उम्मीदवार घोषित करना चाहिए। कहा जाता है कि कांग्रेस मे...
एक साथ चुनाव: सकारात्मक पहल

एक साथ चुनाव: सकारात्मक पहल

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- सुरेश हिन्दुस्थानी अभी हाल ही में एक साथ चुनाव कराने को केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई उच्च स्तरीय समिति ने व्यापक मंथन करने के पश्चात अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी। इस समिति ने इस आधार पर एक साथ चुनाव कराने का समर्थन किया है, क्योंकि इसके लिए अधिकांश राजनीतिक दलों की राय एक साथ चुनाव कराने को लेकर सकारात्मक रही। राजनीतिक विद्वानों का मानना है कि एक साथ चुनाव से देश में विकास की धारा को गति मिलेगी। क्योंकि बार-बार चुनाव होने के कारण सभी राजनीतिक दलों के नेता और प्रशासनिक अधिकारी चुनाव में व्यस्त रहते हैं, जिसके कारण जन सामान्य के जुड़े ऐसे कार्य भी प्रभावित होते हैं, जो बहुत जरूरी होते हैं। ऐसे में एक साथ चुनाव कराया जाना सार्थक पहल कही जा सकती है। इससे बार-बार चुनाव में लगने वाले समय में कमी आएगी और आवश्यक कार्यों को तय समय सीमा में पूरा किया जा सकेगा। यह बात स्मरण कर...
चुनाव में ही कांग्रेस को क्यों याद आते हैं मंदिर

चुनाव में ही कांग्रेस को क्यों याद आते हैं मंदिर

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- मृत्युंजय दीक्षित भारतीय राजनीति में मुस्लिम तुष्टिकरण को चुनाव जीतने का मंत्र मन जाता रहा है किन्तु 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की सरकार बनने और फिर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या पर मंदिर के पक्ष में ऐतिहासिक निर्णय दिए जाने के बाद स्थितियों में बड़ा बदलाव आया है। कुछ वर्ष पूर्व तक भारतीय जनता पार्टी की ओर से नारा लगाया जाता था, “रामलला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे” और विरोधी दल पलटवार करते हुए कहते थे, “रामलला हम आएंगें मंदिर वहीं बनाएंगें किंतु तारीख नहीं बताएंगे”। अब सब कुछ परिवर्तित हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आ जाने के बाद अयोध्या नगरी में दिव्य-भव्य गगनचुम्बी राम मंदिर का निर्माण कार्य पूर्णता की ओर अग्रसर है। रामलला के विराजमान होने की तिथि भी आ गई है। आगामी 22 जनवरी 2024 को प्रभु श्रीराम अपने अस्थायी मंदिर से नए मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित...
मप्र विस चुनावः कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री सविता दीवान शर्मा भाजपा में शामिल

मप्र विस चुनावः कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री सविता दीवान शर्मा भाजपा में शामिल

देश, मध्य प्रदेश
- कांग्रेस के कई पदाधिकारी सहित 100 से अधिक कार्यकर्ताओं ने ग्रहण की भाजपा की सदस्यता भोपाल (Bhopal)। कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री (State General Secretary of Congress) और होशंगाबाद की पूर्व विधायक सविता दीवान शर्मा (Former MLA Savita Diwan Sharma) गुरुवार को भाजपा (BJP) में शामिल हो गईं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री नरेद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) के समक्ष भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) की रीति, नीति, विचारधारा और गरीब कल्याण के कार्यों से प्रभावित होकर भाजपा प्रदेश कार्यालय में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सविता दीवान शर्मा को पार्टी का अंगवस्त्र पहनाकर भाजपा परिवार में स्वागत किया। इस अवसर पर मप्र पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष विनोद गोटिया, नर्मदापुरम जिले के पार्टी अध्यक्ष माधव अग्रवाल, जिला उपाध्यक्ष सुरेश पटेल, प्रदेश प्रवक्ता रा...
मप्र विस चुनावः बसपा ने जारी की 12वीं सूची, 13 उम्मीदवारों के नाम घोषित

मप्र विस चुनावः बसपा ने जारी की 12वीं सूची, 13 उम्मीदवारों के नाम घोषित

देश, मध्य प्रदेश
- सुमावली से कांग्रेस ने सुबह जिसका टिकट काटा, बसपा ने उसे बनाया उम्मीदवार भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Elections) के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) (Bahujan Samaj Party - BSP) ने अपने उम्मीदवारों की बारहवीं सूची (twelfth list of candidates) जारी कर दी है। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल द्वारा बुधवार देर रात जारी की गई इस सूची में 13 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए हैं। इस सूची में बसपा ने सुमावली विधानसभा सीट से कुलदीप सिकरवार को टिकट देकर सभी को चौंका दिया है। दरअसल, कांग्रेस ने सुमावली सीट से वर्तमान विधायक अजब सिंह कुशवाह का टिकट काट कर कुलदीप सिकरवार को उम्मीदवार घोषित किया था। इससे नाराज होकर अजब सिंह बसपा में चले गए थे, जिसके बाद कांग्रेस ने विरोध और चुनाव में जीत की संभावना को देखते हुए बुधवार सुबह ही कुलदीप सिकरवार का टिकट काट कर फिर...
मप्र विस चुनावः भाजपा ने जारी की पांचवीं सूची, 92 उम्मीदवारों के नाम घोषित

मप्र विस चुनावः भाजपा ने जारी की पांचवीं सूची, 92 उम्मीदवारों के नाम घोषित

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने उम्मीदवारों की पांचवीं सूची जारी कर दी है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह द्वारा शनिवार को जारी इस सूची में 92 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए हैं। इसमें 67 वर्तमान विधायकों में से 37 को दोबारा उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि तीन मंत्रियों समेत 29 विधायकों के टिकट काटे गए हैं। इन्हें मिलाकर भाजपा अब तक 228 सीटों पर अपने घोषित कर चुकी है। अब सिर्फ दो सीटें -गुना और विदिशा के उम्मीदवार घोषित होना शेष है। दिल्ली से शनिवार को जारी हुई सूची के अनुसार भाजपा ने विजयपुर से बाबूलाल मेवरा, जौरा से सूबेदार सिंह रजौधा सिकरवार, अम्बाह से कमलेश जाटव, भिंड से नरेन्द्र सिंह कुशवाह, मेहगांव से राकेश शुक्ला, ग्वालियर पूर्व से माया सिंह, ग्वालियर दक्षिण से नारायण सिंह कुशवाह, भांडेर से घनश्याम पिरोनिया, पोहरी से सुरेश राठखेड...
सनातन के संवाहक योगी, चुनाव में जीत के वाहक

सनातन के संवाहक योगी, चुनाव में जीत के वाहक

अवर्गीकृत
- मृत्युंजय दीक्षित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब कुशल नेतृत्वकर्ता, समाज, सनातन धर्म और अखंड भारत संवाहक और चुनाव में जीत के वाहक (सारथी) बन गए हैं। सनातन धर्म और अखंड भारत को लेकर योगी के बयानों की चर्चा अब भारतीय मीडिया में ही नहीं अपितु विदेशों में भी हो रही है। सनातन धर्म पर उनकी स्पष्टवादिता से भारत की संपूर्ण सेक्युलर जमात में खलबली है। तमिलनाडु के द्रमुक नेता उदय निधि द्वारा सनातन धर्म का उन्मूलन करने वाले शर्मनाक बयान के बाद से योगी आदित्यनाथ ने मोर्चा खोल दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आज उत्तर प्रदेश के हिंदू आस्था के सभी केंद्रों, प्रतीकों का विकास व सम्मान हो रहा है। अयोध्या, मथुरा, काशी के साथ ही अन्य छोटे धार्मिक महत्व के स्थलों का सुंदरीकरण किया जा रहा है। इसके कारण सनातन समाज में प्रसन्नता की लहर है। ठीक इसके उलट कांग्रेस के नेतृत्व मे...