Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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चुनावी जीत के सियासी मायने

चुनावी जीत के सियासी मायने

अवर्गीकृत
- कमलेश पांडेय दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाने वाले भारत के दो राज्यों गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के परिणामों ने मतदाताओं की जनतांत्रिक और राजनीतिक परिपक्वता को एक बार फिर जगजाहिर किया है। मतदाताओं ने देश की सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी को गुजरात और प्रमुख विपक्षी कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश में स्पष्ट बहुमत देकर खुश होने की वजह दे दी है। यह बात अलग है कि हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की हार और गुजरात में कांग्रेस की शर्मनाक हार दोनों दलों के रणनीतिकारों के जेहन को कुरेदते रहेंगे कि आखिर ऐसा कैसे हुआ, क्यों हुआ और अब आगे क्या करना चाहिए? इसमें कोई दो राय नहीं कि गुजरात अब भारतीय जनता पार्टी का गढ़ बन चुका है। वहां पर पिछले 27 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी काबिज है। उसके मतों में हर चुनाव में इजाफा हो रहा है। इसे लोग मोदी मैजिक यानी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी...
तीनों पार्टियां गदगद, तीनों को सबक

तीनों पार्टियां गदगद, तीनों को सबक

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक गुजरात, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश चुनाव परिणामों का सबक क्या है? दिल्ली और हिमाचल में भाजपा हार गई और गुजरात में उसकी एतिहासिक विजय हुई है। हमारी इस चुनाव-चर्चा के केंद्र में तीन पार्टियां हैं- भाजपा, कांग्रेस और आप। इन तीनों पार्टियों के हाथ एक-एक प्रांत लग गया है। दिल्ली का चुनाव तो स्थानीय था लेकिन इसका महत्व प्रांतीय ही है। दिल्ली का यह स्थानीय चुनाव प्रांतीय आईने से कम नहीं है। दिल्ली में आप को भाजपा के मुकाबले ज्यादा सीटें जरूर मिली हैं लेकिन उसकी विजय को चमत्कारी नहीं कहा जा सकता है। भाजपा के वोट पिछले चुनाव के मुकाबले बढ़े हैं लेकिन आप के घटे हैं। आप के मंत्रियों पर लगे आरोपों ने उसके आकाशी इरादों पर पानी फेर दिया है। भाजपा ने यदि सकारात्मक प्रचार किया होता और वैकल्पिक सपने पेश किए होते तो उसे शायद ज्यादा सीटें मिल जातीं। भाजपा ने तीनों स्थानीय निगमों को मिलाकर...
गुजरात के चुनाव परिणामों से मिला शेयर बाजार को सहारा

गुजरात के चुनाव परिणामों से मिला शेयर बाजार को सहारा

देश, बिज़नेस
- सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांक 0.26 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुए नई दिल्ली। कमजोर वैश्विक संकेतों के बावजूद घरेलू शेयर बाजार को आज गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणामों से काफी सहारा मिला। शेयर बाजार ने आज के कारोबार की शुरुआत सपाट स्तर पर मामूली बढ़त के साथ की थी। शुरुआती कारोबार में मामूली कमजोरी भी आई, लेकिन गुजरात विधानसभा चुनाव के रुझान आने के साथ ही शेयर बाजार की स्थिति में भी सुधार होता गया। हालांकि, वैश्विक स्तर पर बने दबाव की वजह से बाजार में बिकवाली का दबाव भी लगातार बनता रहा, लेकिन सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांकों ने दिनभर उतार-चढ़ाव का सामना करने के बाद मामूली मजबूती के साथ ही कारोबार का अंत किया। दिनभर की खरीद बिक्री के बाद सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांक 0.26 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद होने में सफल रहे। आज वीकली एक्सपायरी के दिन कारोबार में शॉर्ट कवरिंग नजर आई। निफ्टी...