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प्रधानमंत्री के खिलाफ बयान देने पर चुनाव आयोग ने प्रियंका गांधी को भेजा नोटिस

प्रधानमंत्री के खिलाफ बयान देने पर चुनाव आयोग ने प्रियंका गांधी को भेजा नोटिस

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को कारण बताओ नोटिस भेजा है। दरअसल, प्रियंका ने हाल ही में मप्र में चुनाव प्रचार के दौरान एक रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ बयान दिया था। इसी बयान को लेकर निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को उक्त नोटिस जारी किया है। निर्वाचन आयोग ने नोटिस में कहा है कि आयोग को 10 नवंबर 2023 (प्रतिलिपि संलग्न) के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी से एक शिकायत प्राप्त हुई है, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि मध्यप्रदेश के सांवेर विधानसभा क्षेत्र में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए आपने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबंध में असत्यापित और गलत बयानबाजी की है। जो जनता को गुमराह करने और प्रधानमंत्री की छवि खराब करने की क्षमता रखता है। नोटिस में कहा गया है कि भाषण के वीडियो और मध्यप्रदेश के सीबीओ के माध्यम से प्राप्त ट्...
मप्र में कर्मचारियों को केन्द्र के बराबर डीए देने की तैयारी, चुनाव आयोग को भेजा प्रस्ताव

मप्र में कर्मचारियों को केन्द्र के बराबर डीए देने की तैयारी, चुनाव आयोग को भेजा प्रस्ताव

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल। मध्य प्रदेश के सात लाख नियमित कर्मचारियों का महंगाई भत्ता और साढ़े चार लाख पेंशनरों की महंगाई राहत बढ़ाने की तैयारी जा रही है। इस संबंध में एक प्रस्ताव राज्य सरकार ने निर्वाचन आयोग को भेजा है और डीए बढ़ाने की अनुमति मांगी है। आयोग की अनुमति मिलते ही वित्त विभाग द्वारा चार प्रतिशत की वृद्धि के आदेश जारी कर दिए जाएंगे। इसके बाद महंगाई भत्ता 46 प्रतिशत हो जाएगा। प्रदेश में कर्मचारियों को एक जनवरी 2023 से 42 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स के माध्यम से कहा कि दीपावली के शुभ अवसर पर मध्यप्रदेश के शासकीय सेवकों और पेंशनर्स को मिलने वाले महंगाई भत्ते में चार फीसदी की वृद्धि करने का प्रस्ताव राज्य सरकार द्वारा निर्वाचन आयोग को प्रेषित कर दिया गया है। इससे राज्य के कर्मचारियों का महंगा...
मप्र विस चुनाव 2023: निर्वाचन आयोग ने की इंदौर और उज्जैन संभाग में तैयारियों की समीक्षा

मप्र विस चुनाव 2023: निर्वाचन आयोग ने की इंदौर और उज्जैन संभाग में तैयारियों की समीक्षा

देश, मध्य प्रदेश
- निष्पक्ष और शांतिपूर्वक मतदान के लिए सभी आवश्यक तैयारी करने के निर्देश इंदौर। भारत निर्वाचन आयोग के उप निर्वाचन आयुक्त अजय भादू एवं मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन द्वारा गुरुवार को इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में इंदौर एवं उज्जैन संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकों की बैठक लेकर विधानसभा चुनाव-2023 की तैयारियों की विस्तार से समीक्षा की गई। बैठक में शामिल सभी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों ने अपने जिले में निर्वाचन के लिए की गई तैयारियों की जानकारी दी। बैठक में निर्वाचन आयोग के अन्य पदाधिकारियों के सहित इंदौर कमिश्नर मालसिंह, उज्जैन कमिश्नर संजय गोयल, उज्जैन आईजी संतोष कुमार सिंह, इंदौर के पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर, पुलिस महानिरीक्षक ग्रामीण राकेश गुप्ता भी उपस्थित थे। बैठक में निर्देश दिए गए कि मतदाता सूची में डुप्लीकेशन न हो। मृत लोगों के नाम सूची म...
मप्रः चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई, रतलाम-खरगोन कलेक्टर और जबलपुर-भिंड के एसपी को हटाया

मप्रः चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई, रतलाम-खरगोन कलेक्टर और जबलपुर-भिंड के एसपी को हटाया

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनावी आचार संहिता लागू होने के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए दो जिलों खरगोन और रतलाम के कलेक्टरों तथा दो जिलों जबलपुर व भिंड के पुलिस अधीक्षकों को हटा दिया है। इस संबंध में बुधवार देर शाम राज्य शासन ने आदेश जारी किए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुपालन में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के दो अधिकारियों का तबादला करते हुए उनकी नवीन पदस्थापना की गई है। इनमें खरगोन कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा और रतलाम कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी को भोपाल स्थित मंत्रालय में उप सचिव पदस्थ किया गया है। निर्देश में कहा गया है कि दोनों जिले के कलेक्टर तत्काल अपना प्रभार जिले में पदस्थ जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को सौंपते हुए नवीन पदस्थापना पर उपस्थित होना सुनिश्चित करें। वहीं, गृह विभा...
चुनाव आयोग का फैसला अनपेक्षित, सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे : उद्धव ठाकरे

चुनाव आयोग का फैसला अनपेक्षित, सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे : उद्धव ठाकरे

देश
मुंबई। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि शुक्रवार को चुनाव आयोग ने जो फैसला दिया है, वह पूरी तरह से अनपेक्षित है। वे इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। उद्धव ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग को अगर जनप्रतिनिधियों की संख्या के आधार पर ही निर्णय देना था, तो इसके लिए इतनी देरी करने की क्या जरुरत थी। बहुत पहले ही इस तरह का फैसला चुनाव आयोग दे सकता था। चुनाव आयोग ने उनसे सदस्यों का प्रतिज्ञा पत्र मंगवाया, प्रतिनिधि सभा का प्रतिज्ञा पत्र मंगवाया, पार्टी की कार्यपद्धति भी मांगी। जब इसके हिसाब से निर्णय ही नहीं देना था, तो इसे मंगवाने की जरुरत क्या थी। उद्धव ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग ने जिस तरह से चुने हुए जनप्रतिनिधियों के नाम पर पक्ष का आकलन किया है, यह गलत है। अगर ऐसा होगा तो कोई भी अमीर व्यक्ति विधायकों को खरीदकर मुख्यमंत्री और सांसदों को खरीदकर प्रधानमंत्र...

कौन नहीं देता अपना वोट

अवर्गीकृत
- आर.के. सिन्हा अब चुनाव आयोग को यह गंभीरता से विचार करना होगा कि कैसे सभी मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने को लेकर गंभीर या बाध्य हों। वे मतदान करना अपना दायित्व समझें। हाल ही में दिल्ली नगर निगम चुनाव संपन्न हो गए। चुनाव प्रचार से लेकर चुनाव नतीजे सही से आ गये। कहीं कोई गड़बड़ नहीं हुई। पर निराशा इस कारण से अवश्य हुई कि इस बार दिल्ली में मतदान 47 फीसद के आसपास ही रहा। मतलब आधे से अधिक मतदाताओं ने अपना वोट डालने की आवश्यकता ही नहीं समझी। मतदान भी रविवार के दिन ही हुआ था। इसलिए उम्मीद तो यह थी कि दिल्ली वाले मतदान के लिए भारी संख्या में निकलेंगे। उस दिन मौसम भी खुशगवार था। फिर भी मतदान बेहद खराब रहा। बड़ी तादाद में मतदाता अपनी पसंद के उम्मीदवार के हक में वोट देने नहीं आए। वे जिन नेताओं और सियासी दलों को नापसंद करते हैं, उन्हें चाहे तो खारिज कर सकते थे। उन्होंने ये भी नहीं किया। चूंकि ...
असली शिवसेना कौन? साबित करने के लिए चुनाव आयोग ने दी 8 अगस्त तक की मोहलत

असली शिवसेना कौन? साबित करने के लिए चुनाव आयोग ने दी 8 अगस्त तक की मोहलत

देश, राजनीति
मुंबई/नई दिल्ली । महाराष्ट्र (Maharashtra) में उद्धव सरकार गिरने के बाद एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाली सरकार बन गई है. लेकिन अब शिवसेना (Shiv Sena) को हासिल करने के लिए असली लड़ाई चल रही है. उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे दोनों के ही गुट शिवसेना और उसके चुनाव चिन्ह को अपने कब्जे में रखना चाहते हैं. इस लड़ाई के बीच अब चुनाव आयोग (election Commission) आगे आया है. आयोग ने उद्धव और शिंदे गुट को 8 अगस्त तक साबित करने के लिए कहा है कि शिवसेना के असली दावेदार वह हैं. EC ने दोनों गुटों से तय वक्त के पहले जरूरी कागजात जमा करने के लिए कहा है. अब दोनों गुटों को तय तारीख में 1 बजे तक दावे से संबंधित दस्तावेज जमा करने होंगे. इसके बाद चुनाव आयोग दोनों गुटों के दावों पर सुनवाई करेगा. वहीं, शिवसेना संग्राम के अहम पड़ाव के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में एक अगस्त को...