Friday, November 22"खबर जो असर करे"

Tag: election box

चुनावी पिटारा कितना सहारा !

चुनावी पिटारा कितना सहारा !

अवर्गीकृत
- गिरीश्वर मिश्र चुनाव को लोकतंत्र का पवित्र महोत्सव कहा जाता है । अब इसकी संस्कृति का पूरी तरह से कायाकल्प हो गया है । चुनाव आने के थोड़े दिन पहले गहमा-गहमी तेज होती है और अंतिम कुछ दिनों में हाईकमान अपने कंडिडेट का ऐलान करता है । साथ ही भूली बिसरी जनता की सुधि आती है। चुनाव आते ही सभी राजनीतिक दल अपना-अपना जादू का पिटारा खोलते है और उनकी सोई हुई जन-संवेदना जागती है । आहत जनता को राहत देने के लिए कमर कसते हुए सभी दल सुविधाओं की फेहरिस्त तैयार करने में जुट जाते हैं । रेल , सड़क , स्कूल , अस्पताल , नौकरी , कर्ज यानी जीने के लिए जो भी चाहिए उस सूची में शामिल किया जाता है । चुनावी राज्यों में पुलिस द्वारा करोड़ों रुपयों की जब्ती और शराब की आवाजाही आम बात हो गई है जिनका कोई दावेदार नहीं मिलता । यह सब इसलिए होता है ताकि जनता को अधिकाधिक मात्रा में लुभाया जा सके । जन-प्रलोभनों की यह अजीबोगरीब...