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अहंकार का नाश करती है गोवर्धन पूजा

अहंकार का नाश करती है गोवर्धन पूजा

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- योगेश कुमार गोयल पांच दिवसीय दीपावाली पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है और चौथे दिन कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है लेकिन इस वर्ष गोवर्धन पूजा की तिथि को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति है। दरअसल इस बार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 13 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट से हो रही है और समापन 14 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 36 मिनट पर होगा। चूंकि हिन्दू धर्म में उदया तिथि को विशेष महत्व दिया जाता है, इसीलिए द्रिक पंचांग के अनुसार गोवर्धन पूजा का पर्व 14 नवंबर को मनाया जाएगा। हालांकि कुछ ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 13 नवंबर को भी गोवर्धन पूजा की जा सकती है लेकिन 14 नवंबर को गोवर्धन पूजा करने का शुभ मुहूर्त प्रातः 6ः43 से प्रारंभ होकर 8.52 तक सर्वोत्तम है। 14 नवंबर दो बजे के बाद भाई दूज की तिथि शुरू होगी। कार्तिक मास की शुक्ल प्रतिपदा को मना...
विशेष: अहंकार से बचने की प्रेरणा देता है अन्नकूट पर्व

विशेष: अहंकार से बचने की प्रेरणा देता है अन्नकूट पर्व

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- योगेश कुमार गोयल हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल प्रतिपदा को अर्थात् दीवाली के अगले दिन ‘अन्नकूट पर्व’ मनाया जाता है, जिसे ‘गोवर्धन पूजा’ के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि इस वर्ष दीवाली 24 अक्तूबर को मनाई गई जबकि गोवर्धन पूजा 26 अक्तूबर को है। दरअसल इस वर्ष 25 अक्तूबर को सूर्यग्रहण के कारण कोई पूजा नहीं हुई, इसीलिए गोवर्धन पूजा दीवाली के दो दिन पश्चात् 26 अक्तूबर को है। इस दिन अन्नकूट का विशेष महत्व माना जाता है। गोवर्धन पूजा के दिन घर में गाय के गोबर से गोवर्धन की मानव रूपी आकृति बनाकर उसकी पूजा की जाती है तथा तरह-तरह के व्यंजन बनाकर गोवर्धन को भोग लगाया जाता है। इन व्यंजनों को ‘छप्पन भोग’ की संज्ञा दी जाती है। अन्नकूट पर्व के दिन गौपूजा का विशेष महत्व है। इसी कारण इस दिन बहुत से लोग गाय, बैल तथा अन्य पशुओं की सेवा करते हैं और गायों की आरती भी उतारी जाती है। इस दिन शाम क...