शिक्षा में सृजनात्मकता को अवसर दिया जाए
- गिरीश्वर मिश्र
औपचारिक शिक्षा और सृजनात्मकता के आपसी सम्बन्ध समाज के वर्तमान और भविष्य के निर्माण के साथ गहनता से जुड़े हुए हैं । शिक्षा में सृजनात्मकता कितनी बची रहेगी और समाहित होगी इस बात पर देश का ही नहीं बल्कि सारी मनुष्यता का भविष्य निर्भर करता है। शिक्षा सृजनात्मकता के साथ शब्द और अर्थ की ही तरह आपस में जुड़ी हुई है । जैसे शब्द और अर्थ एक दूसरे से संपृक्त होते हैं, एक के बिना दूसरे का कोई मूल्य या उपयोगिता नहीं होती, ठीक वैसी ही शिक्षा और सृजनात्मकता भी एक दूसरे से जुड़े और अन्योन्याश्रित होते हैं। बगैर सृजनात्मकता के शिक्षा अर्थहीन होगी और सृजनात्मकता के विकास के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण का अवसर भी ज़रूरी होता है। इसलिए शिक्षा की सार्थकता के लिए उसका रचनात्मक और सृजनात्मकता होना ही चाहिए । किंतु जब हम शिक्षा-व्यवस्था में सृजनात्मकता की जगह तलाशते हैं तो विफलता ही हाथ लगती है। रटना...