Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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दुनिया में तेजी से बढ़ रही भारत की अर्थव्यवस्था : शक्तिकांत दास

देश, बिज़नेस
आरबीआई के गवर्नर ने कहा- हमारी बैंकिंग प्रणाली पूरी तरह सक्षम नई दिल्ली/मुंबई। देश की अर्थव्यवस्था (country's economy) को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) (Reserve Bank of India (RBI)) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने बड़ी बात कही है। दास ने कहा कि भारत को व्यापक रूप से 2022 में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था (fastest growing economy) के रूप में माना गया है, जबकि अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं सही मायने में विकास की गति में कमी का सामना कर रही है। शक्तिकांत दास ने सोमवार को यहां एक कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व प्रमुख के भाषण से पैदा हो रही बाहरी नकारात्मक चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए हमारी बैंकिंग प्रणाली पूरी तरह सक्षम है। दास ने कहा कि अपनी बैंकिंग प्रणाली को सशक्त करने के लिए उठाए गए प्रयासों से भारत इन बाहरी झटकों ...

भारत अब ब्रिटेन से बड़ा सेठ लेकिन…

अवर्गीकृत
- डॉ. वेदप्रताप वैदिक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोश की ताजा रपट पर भारत का ध्यान सबसे ज्यादा जाएगा, क्योंकि उसके अनुसार भारत अब ब्रिटेन से बड़ा सेठ बन गया है। इस वर्ष ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 816 अरब डालर की रही, जबकि भारत की 854.7 डाॅलर की हो गई। यानी ब्रिटेन से हम लगभग 38 अरब डाॅलर आगे निकल गए। लेकिन हम यह न भूलें कि ब्रिटेन की आबादी मुश्किल से 7 करोड़ है और भारत की आबादी उससे 20 गुना ज्यादा है। यानी करीब 140 करोड़। हमारी अर्थव्यवस्था ब्रिटेन से बड़ी जरूर हो गई है और इसका हमें गर्व भी होना चाहिए लेकिन भारत के आम आदमी को क्या इतनी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जितनी ब्रिटिश लोगों को है। वहां औसत आदमी की वार्षिक आमदनी 47000 डाॅलर है और उसके मुकाबले भारत में वह सिर्फ 2500 डाॅलर है। यह ठीक है कि हमारे देश के कुछ मुट्ठीभर लोग ऐसे हैं, जो ब्रिटेन के औसत अमीरों से भी ज्यादा अमीर हैं लेकिन 100 करोड़ से भी ज्यादा...

अर्थव्यवस्था ने पकड़ी रफ्तार, पहली तिमाही में 13.5 फीसदी रही जीडीपी

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था के र्मोचे पर सरकार को राहत देने वाली खबर है। देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 13.5 फीसदी रही है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 20.1 फीसदी रही थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने बुधवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी है। एनएसओ के जारी आंकड़ों के मुताबिक देश की विकास दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 15.2 फीसदी रही, जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में बहुत कम है। दरअसल, पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 20.1 रही थी। वहीं, पूरे वित्त वर्ष के दौरान भारत की कुल विकास दर यानी जीडीपी 8.7 फीसदी रही थी। आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान जीडीपी ग्रोथ के शानदार आंकड़े अर्थव्यवस्था की मजबूत तस्वीर पेश कर रहे हैं। हाल...

देश की अर्थव्यवस्था 2047 तक 20 हजार अरब डॉलर पहुंचने का अनुमानः बिबेक देबरॉय

देश, बिज़नेस
- ईएसी-पीएम के चेयरमैन ने ‘भारत के लिए प्रतिस्पर्धात्मकता का मसौदा @100 जारी किया नई दिल्ली। प्रधानमंत्री (Prime Minister ) की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) (Economic Advisory Council (EAC-PM)) के चेयरमैन (Chairman) बिबेक देबरॉय (Bibek Debroy) ने देश की अर्थव्यवस्था (country's economy) का आकार वर्ष 2047 तक 20 हजार अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान जताया है। उनका यह भी कहना है कि यह तभी हो सकता है जब अगले 25 साल में औसत वार्षिक वृद्धि 7 से लेकर 7.5 फीसदी हो। देबरॉय ने मंगलवार को ‘भारत के लिए प्रतिस्पर्धात्मकता का मसौदा @100 जारी करते हुए बताया कि अगर भारत अगले 25 साल में 7 से लेकर 7.5 फीसदी की औसत आर्थिक वृद्धि दर से आगे बढ़ता है, तो देश की सालाना प्रति व्यक्ति आय 10 हजार अमेरिकी डॉलर ज्यादा होगी। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में वर्ष 2047 तक भारत भी उच्च मानव विकास श्रेणी के देशों मे...

‘पर्सनल लोन’ लेने की बढ़ी रफ्तार, जानिए अर्थव्यवस्था पर क्‍या पड़ेगा असर ?

बिज़नेस
नई दिल्‍ली । बढ़ते ब्याज दर (Rate of interest) और महंगाई (inflation) के बीच पर्सनल लोन (personal loan) की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है. कोरोना महामारी में रोजगार संकट (employment crisis) और बढ़ते स्वास्थ्य खर्चे (health expenses) के बीच कमाई खर्च से आगे निकल गई. बैकों (banks) के आंकड़े बताते हैं कि इस अंतराल को भरने के लिए लोगों ने धड़ल्ले से पर्सनल लोन लेना शुरू कर दिया है. परिवार का खर्च कमाई से ज्यादा होने से लोगों ने पहले तो बचत को निकालकर खर्च करना शुरू किया, जिसमें सावधि जमाओं (Fixed Deposits) और सोने को गिरवी रखकर लोन लेने का चलन बढ़ा. लेकिन कोरोना का कहर कम होने के साथ बकाया क्रेडिट कार्ड के रकम में उछाल आने लगी है. जिसका सीधा मतलब है कि लोग ज्यादा महंगे दर वाले लोन का जोखिम भी ज्यादा उठाने लगे हैं. Why it matters कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि कर्ज अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ता है. ल...

नई उड़ान पर योगी का यूपी

अवर्गीकृत
- शशिकांत जायसवाल योगी 2.0 में उत्तर प्रदेश ने नए संकल्पों के साथ देश में नंबर एक अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य के साथ नई उड़ान भरनी शुरू कर दी है। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार के दूसरे कार्यकाल के शुरुआती सौ दिन काफी अहम रहे। इस अवधि में सरकार ने बड़ी लकीर खींची है। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाने के लक्ष्य के साथ काम शुरू हो चुका है। सलाहकार भी चुन लिया गया है। विभागों को 10 सेक्टरों में बांटकर अगले पांच साल तक का खाका खींचा गया है। उसी के अनुसार सूक्ष्म, लघु और दीर्घकालीन योजनाएं बनाकर कार्य किया जा रहा है। अगले पांच साल में सरकार के प्रयास परवान चढ़े तो यह तय है कि देश में उत्तर प्रदेश की दशा और दिशा बदल जाएगी। उद्योग अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी महत्ता को समझते हुए अपने पिछले कार्यकाल में जब इंवेस्टर्स समिट का आयोजन करने की घोष...