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वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था: पीयूष गोयल

वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था: पीयूष गोयल

देश, बिज़नेस
-लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक 2023 में 13 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Union Commerce and Industry Minister Piyush Goyal) ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था (India fastest growing economy) के रूप में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में ‘विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक सुगमता (लीड्स) 2023’ रिपोर्ट जारी करते हुए यह बात कही। गोयल ने कहा कि देश में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव हुए है। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि पिछला दशक परिवर्तनकारी रहा है। उन्होंने कहा कि यह सब सरकार के नीतिगत बदलावों के माध्यम से आगे बढ़ रहा है। गोयल ने कहा कि 2047 तक भारत को 3.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से 35 ट्रिलिय...
पीएम का ‘वेड इन इंडिया’ आह्वान अर्थव्यवस्था एवं व्यापार को करेगा मजबूत: कैट

पीएम का ‘वेड इन इंडिया’ आह्वान अर्थव्यवस्था एवं व्यापार को करेगा मजबूत: कैट

देश, बिज़नेस
कहा-डेस्टिनेशन शादियों में विदेशी धरती पर करीब एक लाख करोड़ रुपये हो रहे खर्च नई दिल्ली (New Delhi)। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi.) के ‘वेड इन इंडिया’ आह्वान ('Wed in India' call.) का स्वागत किया है। कैट ने कहा कि देशभर के व्यापारी प्रधानमंत्री के इस आवाज का समर्थन करने के साथ आगे बढ़ाने के लिए काम करेगा। कारोबारी संगठन का मानना है कि 'वेड इन इंडिया' से देश की अर्थव्यवस्था एवं व्यापार को मजबूती मिलेगी। देश में डेस्टिनेशन वेडिंग का क्रेज बढ़ता जा रहा है। हर साल लगभग 5 हजार शादियां विदेशी धरती पर संपन्न हो रही हैं, जिसमें भारतीय लोगों के एक लाख करोड़ रुपये खर्च हो जाते हैं। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने शनिवार को जारी बयान में प्रधानमंत्री के आह्वान को बेहद ...
भारतीय कृषि व्यवस्था का कायाकल्प

भारतीय कृषि व्यवस्था का कायाकल्प

अवर्गीकृत
- डॉ. विपिन कुमार कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इसने हमारे आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृति और आध्यात्मिक प्रगति में एक महान भूमिका निभायी है। हम कृषि को एक उत्सव के रूप में मनाते हैं। हमारे किसान बंधुओं ने अपनी संस्कृति में वनों, पहाड़ों, नदियों, पशुधन, जीव-जंतुओं को एक दैवीय स्थान दिया है। क्या प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा का ऐसा अनुपम उदाहरण आपने कहीं देखा है? केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और सीजीआईएआर द्वारा हाल ही में 'अनुसंधान से प्रभाव तक : न्याय संगत और लचीली कृषि-खाद्य प्रणालियां' विषय में एक चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया और इस दौरान केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी मंच साझा किया। इस सम्मेलन में वैश्विक स्तर पर कोरोना महामारी के कृषि-खाद्य प्...
अर्थव्यवस्था में डगमगाते चीन की फिर कोई चालाकी तो नहीं ?

अर्थव्यवस्था में डगमगाते चीन की फिर कोई चालाकी तो नहीं ?

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- ऋतुपर्ण दवे दुनिया के पास अब तमाम वो कारण हैं जिससे यह मानने में कोई गुरेज नहीं कि चीन की अर्थव्यवस्था एक बार फिर बहुत बुरे दौर में है। कोरोना वायरस को लेकर पहले से दुनिया भर में शक की निगाहों से देखे जाने वाले चीन ने भी इस महामारी के चलते जबरदस्त मंदी का दौर देखा। लेकिन तब इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया गया क्योंकि हर कहीं मांग और आपूर्ति की शृंखला धीमी पड़ गई थी। यह भी सच है उस समय बाजार से ज्यादा लोगों को जान की परवाह थी। इस कारण भी एक तरह से पूरी दुनिया ने ये समझौता कर लिया था कि पहले जान फिर जहान। लेकिन कोविड के धीमा पड़ते ही जब पूरी दुनिया अपनी बरबाद अर्थव्यवस्था को लेकर तमाम तरह के जतन में जुट गई तब चीन में ऐसा क्या हुआ कि पूरी अर्थव्यवस्था जबरदस्त डगमगाने लगी? अगर केवल एक वर्ष का अन्तर देखें तो बीते जुलाई के मुकाबले इस बार 2.1 प्रतिशत गिरावट आई। जुलाई 2022 में यह 14.5 प्रतिशत ...
भारत दूरसंचार प्रौद्योगिकी का निर्यातक बनने की ओर अग्रसर

भारत दूरसंचार प्रौद्योगिकी का निर्यातक बनने की ओर अग्रसर

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- प्रहलाद सबनानी भारत में डिजिटल क्रांति ने अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में बहुत प्रभावी भूमिका निभाई है। भारतीय अर्थव्यवस्था, आज डिजिटल क्रांति के बलबूते ही, विश्व में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच, सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गई है। डिजिटल क्रांति ने भारत में वित्तीय समावेशन को बहुत आसान बना दिया है एवं आज भारत वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में पूरे विश्व को राह दिखा रहा है। विकासशील देश तो आज वित्तीय समावेशन की सफलता के क्षेत्र में भारत की ओर आशा भरी नजरों से देख रहे हैं कि वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में भारत किस प्रकार उनकी मदद कर सकता है। डिजिटल क्रांति से ही भारतीय अर्थव्यवस्था का औपचारीकरण भी सम्भव हो सका है। जिसके चलते, वस्तु एवं सेवा कर का संग्रहण प्रति माह औसतन 1.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो गया है तथा प्रत्यक्ष करों के संग्रहण में भी अतुलनीय वृद्धि दृष्टिगोच...
छोटी छोटी बचतों से अर्थव्यवस्था को मिलता है बल

छोटी छोटी बचतों से अर्थव्यवस्था को मिलता है बल

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- प्रहलाद सबनानी यह सनातनी संस्कार ही हैं जो भारत के नागरिकों को छोटी छोटी बचतें करना सिखाते हैं। भारतीय परम्पराओं के अनुसार हमारे बुजुर्ग हममें बचत की प्रवृत्ति बचपन में ही यह कहकर विकसित करते हैं कि भविष्य में आड़े अथवा बुरे वक्त में पुराने समय में की गई बचत का बहुत बड़ा सहारा मिलता है। भारतीय परिवारों में तो गृहणियां घर खर्च के लिए उन्हें प्रदान की गई राशि में से भी बहुत छोटी राशि की बचत करने का गणित जानती हैं एवं वक्त आने पर अपने परिवार के सदस्यों को उक्त बचत की राशि सौंपकर संतोष का भाव जागृत करती हैं। आजकल के आर्थिक दौर में केवल धन का अर्जन करना ही काफी नहीं है बल्कि अर्जित धन का कुछ भाग बचत के रूप में सही स्थान पर सुरक्षित निवेश करना भी जरूरी है। यदि कमाए गए धन को बचत के रूप में निवेश नहीं किया जाता है तो उस राशि का बाजार में मूल्य, मुद्रास्फीति के चलते कम होते होते भविष्य में शून्...
अर्थव्यवस्था की उड़ान में खेती का बड़ा योगदान

अर्थव्यवस्था की उड़ान में खेती का बड़ा योगदान

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- शशिकान्त जायसवाल देशभर में उत्तर प्रदेश में पिछले छह वर्ष से विभिन्न क्षेत्रों में आए बदलाव की चर्चा हो रही है। खेती-किसानी के मामले में भी उत्तर प्रदेश दूसरे राज्यों की तुलना में कोसों आगे निकल चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन ने मल्टी सेक्टोरल क्षेत्रों को विकास की ओर डायवर्ट कर सस्टेनेबल और सर्वसमावेशी बनाया है। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और उससे संबंधित सेक्टर को मजबूती मिली है। योगी सरकार का पहला बजट ही किसानों को समर्पित था। यहीं से उत्तर प्रदेश के कृषि अर्थव्यवस्था की ग्रोथ और किसानों की आय को दोगुना करने के लिए विकास यात्रा प्रारंभ हुई। इसका परिणाम है कि कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र की ग्रोथ रेट आज अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयास से राज्य के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान 26 फीसदी हुआ है। जबकि कृषि विकास दर स्थिर मूल्य पर वित्तीय...
FSDC की बैठक आज, अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करेंगी सीतारमण

FSDC की बैठक आज, अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करेंगी सीतारमण

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नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (एफएसडीसी) (Financial Stability and Development Council (FSDC)) की सोमवार, 08 मई को आयोजित बैठक में शामिल होंगी। इस दौरान वह वैश्विक और घरेलू चुनौतियों के बीच अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा (Economy Status Review) भी करेंगी। सूत्रों ने रविवार को बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 08 मई को एफएसडीसी की आयोजित 27वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगी। इस उच्चस्तरीय बैठक में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास समेत वित्तीय क्षेत्र के सभी नियामक हिस्सा लेंगे। एफएसडीसी क्षेत्रीय नियामकों का एक शीर्ष निकाय है, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करती हैं। इस बैठक में मौजूदा वैश्विक और घरेलू आर्थिक हालात और वित्तीय स्थिरता के मुद्दों की समीक्षा...