राष्ट्रभाषा के बिना गूंगा है राष्ट्र
- योगेश कुमार गोयल
हिन्दी भाषा को समृद्ध बनाने के लिए प्रतिवर्ष 14 सितंबर का दिन ‘हिन्दी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इसी के साथ शुरू हो जाता है हिन्दी दिवस सप्ताह। प्रत्येक भारतीय के लिए अब यह गर्व की बात है कि दुनियाभर में हिन्दी को चाहने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। डॉ. फादर कामिल बुल्के ने संस्कृत को मां, हिन्दी को गृहिणी और अंग्रेजी को नौकरानी बताया था। आयरिश प्रशासक जॉन अब्राहम ग्रियर्सन को भारतीय संस्कृति और यहां के निवासियों के प्रति अगाध प्रेम था, जिन्होंने हिन्दी को संस्कृत की बेटियों में सबसे अच्छी और शिरोमणि बताया था। दूसरी ओर हमारे ही देश में कुछ लोग कुतर्क देते हैं कि भारत सरकार योग को तो 177 देशों का समर्थन दिलाने में सफल हो गई लेकिन हिन्दी के लिए 129 देशों का समर्थन भी नहीं जुटा सकी और इसे अब तक संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा बनाने में भी सफलता नहीं मिली। हालांकि इस प...