Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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ड्रग्स की राजधानी बनने से कैसे बचे दिल्ली

ड्रग्स की राजधानी बनने से कैसे बचे दिल्ली

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- डॉ. रमेश ठाकुर दिल्ली में तेजी से फैलता नशे का कारोबार चिंता का विषय बन गया है। राजधानी में विभिन्न किस्म के मादक पदार्थों की तस्करी अब प्रत्येक गली-मोहल्लों में होने लगी है। एनसीआर क्षेत्र में भी नशे का कारोबार इस कदर फैल चुका है, जिसे रोकने में पुलिस-प्रशासन के हाथ-पांव फूल रहे हैं। बीते शनिवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तस्करों से करीब 90 किलो अफीम पकड़ी, जो दूसरे प्रदेशों से लाई गई थी। दिल्ली में मादक पदार्थों की सप्लाई सबसे ज्यादा कहां-कहां होती है और उसके शौकीन कौन-कौन हैं? दरअसल ये एक ऐसा सवाल है जिसका उत्तर अगर सच्चाई से पुलिस-प्रशासन सार्वजनिक कर दे तो भूचाल आ जाएगा। हम सोच भी नहीं सकते कि इस जंजाल में कौन-कौन और कैसे-कैसे व्यक्ति शामिल हैं। हालांकि, इतना तो सभी जानते हैं कि किस्म-किस्म के महंगे मादक पदार्थों का सेवन कोई आम इंसान तो करेगा नहीं। इसके लिए मोटी रकम चुकान...
युवाओं की सृजनशीलता मिटा रहे मादक पदार्थ

युवाओं की सृजनशीलता मिटा रहे मादक पदार्थ

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- योगेश कुमार गोयल दुनिया भर में 26 जून को नशीली दवाओं के सेवन और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाएगा। यह दिवस समाज के हर वर्ग के लिए आत्मचिंतन का विषय है, क्योंकि मादक पदार्थों का सेवन अब मानवता के प्रति सबसे बड़े अपराध का रूप धारण कर चुका है। भारत में मादक पदार्थों के सेवन की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है। चिंता का विषय यह है कि अब यह प्रवृत्ति केवल शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी नशे का जाल फैलता जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में अफीम, चरस, गांजा, हेरोइन आदि के अलावा इंजेक्शन के जरिये लिए जाने वाले मादक पदार्थों का भी इस्तेमाल होने लगा है। रईसजादे युवक-युवतियों की रेव पार्टियां तो नशे का भयावह आधुनिक रूप है, जहां राजनीतिक संरक्षण के चलते प्रायः पुलिस भी हाथ डालने से बचती है। हालांकि कभी-कभार रेव पार्टियों पर छापा मारकर नशे में मदहोश युवाओं ...
पूर्वोत्तर में नशे का मकड़जाल

पूर्वोत्तर में नशे का मकड़जाल

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- असरार अंसारी भारत के अन्य राज्यों के साथ-साथ पूर्वोत्तर में भी ड्रग्स की तस्करी का अवैध कारोबार जोर-शोर से चल रहा है। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा द्वारा ड्रग्स तस्करों के खिलाफ सख्ती बरते जाने के निर्देश के मद्देनजर पुलिस लगातार ड्रग्स तस्करों को पकड़ रही है। बावजूद इसके यह गोरखधंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। असम में इन दिनों सबसे ज्यादा हेरोइन की तस्करी हो रही है। आए दिन हेरोइन तस्करों को पुलिस गिरफ्तार कर रही है। लेकिन यह नशे का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा । युवा पीढ़ी इन दिनों सबसे ज्यादा ड्रग्स का सेवन कर रही है। हेरोइन की लत काफी खतरनाक है। यह सीधा मस्तिष्क पर असर करती है, और इसे आसानी से छोड़ पाना काफी मुश्किल है। पुलिस तस्करों को ड्रग्स तस्करी करते समय गिरफ्तार कर जेल भेज देती है। लेकिन ड्रग्स, गांजा समेत नशीले टेबलेट्स का गोरखधंधा असम में पड़ोसी राज्य मिजोरम,...

गुजरात के वडोदरा में एक हजार करोड़ की नशीली दवाएं जब्त

देश
-एटीएस और वडोदरा की एसओजी टीम ने की थी छापेमारी अहमदाबाद। गुजरात में समुद्र के रास्ते मादक पदार्थों की तस्करी पर गुजरात एटीएस ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। एटीएस ने राज्य के वडोदरा की एक फैक्टरी में बन रही नशीली दवाओं की खेप जब्त की है। इसका वजन 200 किलो है। इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 1000 करोड़ रुपये आंकी गई है। गुजरात एटीएस के डीआईजी दीपेन भद्रन ने बताया कि एटीएस को सूचना मिली कि वडोदरा के सावली के पास गांव मोक्सी में नेक्टर केम नामक फैक्टरी में करोड़ों रुपये का नशीला पदार्थ रखा है। इसी के आधार पर 15 अगस्त को गुजरात एटीएस और वडोदरा एसओजी की 25 से ज्यादा टीमों ने सावली के मोक्सी गांव में उक्त फैक्टरी में छापेमारी की। इस दौरान 1000 करोड़ रुपये की 200 किलो (एमडी ड्रग्स) बरामद हुआ। जिन्हें बाद में 13 बड़े बक्सों में भरकर वाहन में रख दिया गया। इन दवाओं को मुंबई और गोवा भेजा ग...