Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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योगी सरकार का अभियान, सूखे का स्थाई समाधान

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- गिरीश पांडेय ऐसा माना ही नहीं जाता है, बल्कि काफी हद तक सच है कि प्राकृतिक आपदाओं (बाढ़, सूखा, तूफान एवं आकाशीय बिजली आदि) पर किसी का वश नहीं होता। बावजूद इसके अगर सरकार संवेदनशील हो तो इन आपदाओं से होने वाले जान-माल की क्षति को बहुत हद तक न्यूनतम किया जा सकता है। और इस दिशा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार लगातार काम कर रही है। बाढ़ और सूखा उत्तर प्रदेश की दो प्रमुख समस्याएं हैं। सिर्फ किसानों के लिए ही नहीं सरकार के लिए भी एक समस्या है। किसी-किसी साल तो सरकार को इन दोनों मोर्चों पर एक साथ जूझना पड़ता है। एक ओर बाढ़ के लिए दूसरी ओर सूखे के लिए कंटीजेंसी प्लान बनाना पड़ता है। इन दोनों का हल भी कमोबेश एक ही है। बारिश के दौरान उपलब्ध पानी का बेहतर प्रबंधन और उसके बाद के दिनों में उसका प्रभावी उपयोग। योगी सरकार प्रदेश के करोड़ों किसानों के हित में इन दोनों समस्याओं का क्र...

सूखे से बेजार किसानों के लिए सहारा बनी ‘सम्मान निधि’

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- पंकज यूपी के पिछड़े जिलों में शुमार बलिया में किसानों पर इस बार मानसून की बेरुखी से सूखे की मार पड़ी है। हालांकि, बारिश न होने से सहमे किसानों के लिए मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'किसान सम्मान निधि' सहारा साबित हो रही है। जिले में पिछले वर्ष एक लाख 58 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में खरीफ की खेती हुई थी। इस बार खरीफ की खेती का दायरा सिकुड़ गया है। आषाढ़ के बाद सावन माह भी आधा बीतने को है। आसमान में उमड़-घुमड़ रहे बादल किसानों के जले पर सिर्फ नमक छिड़क रहे हैं। इसका नतीजा यह यह है कि बारिश न होने से इस बार महज करीब 72 हजार हेक्टेयर में ही खरीफ की विभिन्न फसलें लगाई गई हैं। इसमें मुख्य रूप से मक्का और धान बोया गया है। सबसे अधिक मार धान की रोपाई पर पड़ी है। अलबत्ता, मक्का, ज्वार और बाजरा की पर्याप्त खेती हुई है। इसके पीछे कम बारिश का होना बताया जा रहा है। लगभग एक माह से बारिश न होने से सबसे अधिक...