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विभाजन विभीषिका : सपने सच होने बाकी हैं, रावी की शपथ अधूरी है

विभाजन विभीषिका : सपने सच होने बाकी हैं, रावी की शपथ अधूरी है

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- डॉ. मयंक चतुर्वेदी भारत का विभाजन हुआ यह सभी ने देखा। कहा जाता है कि नियति ही उस दिन की ऐसी थी, पहले से सब कुछ तय था । पटकथा लिखी जा चुकी थी, परिवर्तन की संभावना शून्य थी। लेकिन इतिहास तो ऐसे कई उदाहरणों से भरा पड़ा है, जब पूर्ण वेग विपरीत दिशा में था उसके बाद भी परिवर्तन संभव हो सके, जो कहीं वर्तमान में दिखाई नहीं देते थे। भारत विभाजन का एक सच यह भी है, यदि उस समय देश का अहिंसक आन्दोलन जिसमें कि सबसे अधिक जनसंख्या में लोगों का विश्वास रहा, उसका नेतृत्व कर रहे महात्मा गांधी अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की तरह निर्णय लेने की दृढ़ प्रतिज्ञा कर लेते तो देश का परिदृश्य ही कुछ ओर होता, क्योंकि यह स्वभाविक है कि जैसा नेतृत्व होता है, संगठन, सत्ता, शासन की धारा उसी अनुसार बही चली जाती है। दुनिया जानती है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अंग्रेजों का भारत छोड़कर जाना अपरिहार्य ...
इटली की ऑटोमोबिली लैम्बॉर्गिनी का इस साल भारत में 100 कार बेचने का सपना

इटली की ऑटोमोबिली लैम्बॉर्गिनी का इस साल भारत में 100 कार बेचने का सपना

देश, बिज़नेस
नई दिल्ली। इटली की कार कंपनी ऑटोमोबिली लैम्बॉर्गिनी का इस साल भारत में 100 कार बेचने का सपना है। कंपनी के भारत में प्रमुख शरद अग्रवाल ने इस लक्ष्य की जानकारी दी। उन्होंने कहा पिछले साल 2022 में कंपनी ने भारतीय बाजार में अपनी रिकॉर्ड बिक्री हासिल की है। कंपनी भारतीय बाजार में सुपर लग्जरी कारों की शृंखला की बिक्री करती है। अग्रवाल ने कहा इनकी कीमत 3.8 करोड़ रुपये से शुरू होती है। कंपनी इस साल भारतीय बाजार में पहली हाइब्रिड कार भी ला रही है। उन्होंने कहा कि लैम्बॉर्गिनी ने भारत में 2022 में 92 इकाइयों की रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की है। यह इससे पिछले साल की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है। कंपनी ने 2021 में भारत में 69 सुपर लग्जरी कार बेची थीं। (एजेंसी, हि.स.)...
जयंती विशेष:  सपनों के सौदागर को सलाम

जयंती विशेष: सपनों के सौदागर को सलाम

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- मुकुंद भारतीय सिनेमा के सपनों के सौदागर, द ग्रेट शोमैन, निर्माता-निर्देशक और अभिनेता राज कपूर आज भी लोगों के दिलों में धड़कते हैं। नेहरू के समाजवाद से प्रेरित राज कपूर की शुरुआती फिल्मों 'आवारा', 'श्री 420', 'बूट पॉलिश' और 'जागते रहो' में इसकी झलक देखी जा सकती है। आम आदमी के सुख-दुख को अभिव्यक्त देती यह शाहकार कालजयी हैं। राजकपूर की कई फिल्मों में रोमांस भी है। उनमें प्रेम को नई परिभाषा होती है। 14 दिसंबर, 1924 को अविभाजित भारत के पेशावर में जन्मे राज कपूर के पिता पृथ्वी राज कपूर जाने-माने थियेटर आर्टिस्ट और अभिनेता रहे हैं। पृथ्वीराज कपूर के तीन बेटे थे- राज कपूर, शम्मी कपूर और शशि कपूर। संयोग से तीनों अपने दौर के बड़े अभिनेता हैं। पृथ्वी राज कपूर के बेटे ही क्या अब तो सारा का सारा कपूर खानदान सिल्वर स्क्रीन का बड़ा नाम है। राज कपूर का पूरा नाम रणबीर राज कपूर है। पारिवारिक पृष्ठभूमि क...

सुराज के सपनों का अमृत संकल्प

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- ह्रदय नारायण दीक्षित स्वाधीनता उच्चतर आनंद है और पराधीनता असह्य दुख है- पराधीन सपनेहु सुख नाही। पराधीन व्यक्ति समाज और राष्ट्र अपनी संस्कृति का आनंद नहीं ले सकते। उनके जीवन में मुक्त रस प्रवाहमान नहीं होता। भारत के लोग लगभग 200 वर्ष तक ब्रिटिश सत्ता के अधीन रहे। विदेशी सत्ता ने भारत को लूटा। यहां से कच्चा माल इंग्लैंड ले गए। वहां से यहां पक्का माल लाते रहे। भारत के उद्योगतंत्र का यहां सर्वनाश हुआ। ईसाई भय लोभ और षड्यंत्र से भारतवासी गरीबों का धर्मांतरण कराते रहे। पराधीन भारत का मन ब्रिटिश सत्ता ने तोड़ा। 1857 में पहला स्वाधीनता संग्राम हुआ। ब्रिटिश सत्ता का सिंहासन हिल गया। लड़ाई जारी रही। स्वाधीनता संग्राम में सेनानी नहीं झुके। 1942 में भारत छोड़ो की घोषणा हुई। अंततः 15 अगस्त, 1947 के दिन भारत स्वाधीन हो गया। हम भारत के लोगों ने अपना संविधान बनाया। संस्थाएं बनाईं। भारत में संविधान का शास...