द्रौपदी मुर्मू के हिन्दी में शपथ लेने का संदेश तो समझिए
- आर.के. सिन्हा
भारत के 15 वें राष्ट्रपति पद की शपथ हिन्दी में लेकर द्रौपदी मूर्मू ने सारे देश को एक बेहद महत्वपूर्ण संदेश दिया है। मूल रूप से ओडिशा से संबंध रखने वाली द्रौपदी मूर्मू अगर उड़िया या किसी अन्य भाषा में भी शपथ लेती तो कोई अंतर नहीं पड़ता। देश को अपनी सभी भाषाओं और बोलियों पर गर्व है। वो हिन्दी में शपथ लेकर अचानक से सारे देश में पहुंच गईं। समूचे देश ने उन्हें हिंदी में शपथ लेते हुए देखा-सुना। बेशक, हिन्दी देश की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। इस संबंध में कोई विवाद नहीं हो सकता। हिन्दी की सारे देश में स्वीकार्यता है और यह दिन-प्रतिदिन बढ़ भी रही है। अगर छुद्र राजनीति को छोड़ दिया जाए तो इसे सारे देश में बोली और समझी जाती है।
कुछ समय पहले ही देश के आठ पूर्वोतर राज्यों के स्कूलों में दसवीं कक्षा तक हिन्दी को अनिवार्य रूप से पढ़ाने पर वहां की राज्य सरकारें राजी हो चुक...