Friday, September 20"खबर जो असर करे"

Tag: Dr. Bhimrao Ambedkar

कुप्रथा के घोर विरोधी थे डॉ. भीमराव अंबेडकर

कुप्रथा के घोर विरोधी थे डॉ. भीमराव अंबेडकर

अवर्गीकृत
- रमेश सर्राफ धमोरा भारतीय संविधान के रचयिता डॉ. भीमराव अंबेडकर का सपना था कि भारत जाति-मुक्त हो, औद्योगिक राष्ट्र बने, सदैव लोकतांत्रिक बना रहे। उन्होंने जातिवाद से मुक्त आर्थिक दृष्टि से सुदृढ़ भारत का सपना देखा था। मगर देश की गंदी राजनीति ने उन्हें सर्वसमाज के नेता के बजाय दलित समाज का नेता के रूप में स्थापित कर दिया। डॉ. अंबेडकर का एक और सपना था कि दलित धनवान बनें। वे हमेशा नौकरी मांगने वाले ही न बने रहें अपितु नौकरी देने वाले भी बनें। डॉ. अंबेडकर का मानना था कि वर्गहीन समाज गढ़ने से पहले समाज को जाति विहीन करना होगा। आज महिलाओं को अधिकार दिलाने के लिए हमारे पास जो भी संवैधानिक सुरक्षा कवच, कानूनी प्रावधान और संस्थागत उपाय मौजूद हैं, इसका श्रेय डॉ. अंबेडकर को जाता है। भारतीय संदर्भ में जब भी समाज में व्याप्त जाति, वर्ग और लिंग के स्तर पर व्याप्त असमानताओं और उनमें सुधार के मुद्दों प...