धान में खैरा रोग के प्रकोप से बचने के लिए करें जिंक का उपयोग: मृदा विशेषज्ञ
-अल्कलाइन व कैल्शियम की अधिकता वाली मिट्टी में अधिक है रोग का प्रकोप
- समय पर रोग की पहचान के साथ प्रबंधन करने पर ही फसल होगी रोगमुक्त
-उत्तर बिहार के 50 फीसदी कृषि योग्य भूमि में जिंक की है कमी
मोतिहारी,16जुलाई(एजेंसी)।मृदा विशेषज्ञ डॉ.आशीष राय ने कहा कि उत्तर बिहार के ज्यादातर कृषि योग्य भूमी मे जिंक की कमी पाई जा रही है।जिससे धान समेत से सभी फसलो मे खैरा रोग का प्रकोप देखा जा रहा है।खैरा रोग से धान की उपज मे 30-40 फीसदी तक गिरावट हो सकती है।
परसौनी कृषि विज्ञान केन्द्र के मृदा विशेषज्ञ डॉ.आशीष राय ने हिन्दुस्थान समाचार से बात करते हुए कहा मृदा विशेषज्ञ के अनुसार उत्तर बिहार के करीब पचास फीसदी कृषि योग्य भूमि में जिंक की कमी की समस्या है।
उन्होने कहा कि अल्काइन व कैल्शियम की अधिकता वाली मिट्टी में लगी धान की फसल में खैरा रोग लगने की संभावनाए रहती हैं। लैब टेस्ट में जिस मिट...