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देवी उपासक है भारत का लोकजीवन

देवी उपासक है भारत का लोकजीवन

अवर्गीकृत
- हृदयनारायण दीक्षित माँ प्रत्येक जीव की आदि अनादि अनुभूति है। हम सबका अस्तित्व माँ के कारण है। माँ न होती तो हम न होते। माँ स्वाभाविक ही दिव्य हैं, देवी हैं, पूज्य हैं, वरेण्य हैं, नीराजन और आराधन के योग्य हैं। मार्कण्डेय ऋषि ने ठीक ही दुर्गा सप्तशती (अध्याय 5) में “या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता बताकर नमस्तस्ये, नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमोनमः” कहकर अनेक बार नमस्कार किया है। माँ का रस, रक्त और पोषण ही प्रत्येक जीव का मूलाधार है। ऋषियों ने इसीलिए माँ को देवी जाना और देवी को माता कहा। मां के निकट होना आनंददायी है। हमारी भाषा में निकटता के लिए ‘उप’ शब्द का प्रयोग हुआ है। ‘उप’ बड़ा प्यारा है। इसी से ‘उपनिषद’ बना। उप से उपासना भी बना है। उपनिषद् का अर्थ है-ठीक से निकट बैठना। उत्तरवैदिक काल में इसका प्रयोग आचार्य और शिष्य की ज्ञान निकटता था। उपासना का अर्थ भी निकट होना है। उपवास का भी अर्थ ...
महाकाल महालोक के द्वितीय चरण का लोकार्पण दिव्य और भव्य हो: मुख्यमंत्री शिवराज

महाकाल महालोक के द्वितीय चरण का लोकार्पण दिव्य और भव्य हो: मुख्यमंत्री शिवराज

देश, मध्य प्रदेश
- मुख्यमंत्री ने की 4 से 6 अक्टूबर तक प्रदेश में होने वाले कार्यक्रमों की तैयारियों की समीक्षा भोपाल (Bhopal)। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर (Jyotirlinga Lord Mahakaleshwar) के आंगन में महाकाल महालोक के द्वितीय चरण (Second phase of Mahakaal Mahalok) का काम लगभग पूरा हो गया है। आगामी 5 अक्टूबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) इसका लोकार्पण करेंगे। इसके अलावा 4 से 6 अक्टूबर तक प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रम होंगे, जिसमें मुख्यमंत्री चौहान नागरिकों को सौगातें प्रदान करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने सोमवार देर शाम अपने निवास कायार्लय में इन कार्यक्रमों की तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में संबंधित विभागों एवं जिलों के वरिष्ठ अधिकारी सम्मिलित हुए। बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री चौहान बुरहानपुर में 4 अक्टूबर को लाड़ली बहना योजना की किश्त का अ...
दिव्य और भव्य केंद्र के रूप में उभरेगा परशुराम जन्म-स्थली जानापाव: शिवराज

दिव्य और भव्य केंद्र के रूप में उभरेगा परशुराम जन्म-स्थली जानापाव: शिवराज

देश, मध्य प्रदेश
- भगवान परशुराम की जीवन गाथा पाठ्य-पुस्तक में होगी शामिल - संस्कृत विद्यालय के विद्यार्थियों को प्रोत्साहन राशि और निर्धन विद्यार्थियों को देंगे उच्च शिक्षा भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि प्रदेश में इंदौर के निकट, भगवान परशुराम की जन्म-स्थली (Birth place of Lord Parshuram) जानापाव (Janapav) को अध्यात्म और पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है। जानापाव एक दिव्य और भव्य केन्द्र (Divine and Magnificent Center) के रूप में उभर कर आएगा। राज्य शासन ने भगवान परशुराम जयंती पर सार्वजनिक अवकाश के साथ मंदिरों के पुजारियों के लिए मानदेय और संस्कृत विद्यालय में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों, जो धार्मिक संस्कारों को सम्पन्न करवाने में दक्ष हो रहे हैं, उन्हें प्रोत्साहन राशि देने की व्यवस्था की है। कक्षा एक से 5वीं तक के विद्यार्थियों ...