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भगवान महाकाल को आंध्र प्रदेश के श्रद्धालु ने भेंट किया चांदी से बना शेषनाग

भगवान महाकाल को आंध्र प्रदेश के श्रद्धालु ने भेंट किया चांदी से बना शेषनाग

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर (Jyotirlinga Mahakal Temple) में रविवार को आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh) से आए एक श्रद्धालु (devotee) ने ढाई फीट ऊंचा चांदी का शेषनाग भेंट (presented two and a half feet high silver sheshnag) किया। बताया गया है कि चांदी के इस शेषनाग की कीमत करीब 6 लाख रुपये है। प्रतिदिन होने वाले शृंगार के समय भगवान महाकाल के शीश पर नागदेवता को सजाया जाएगा। महाकाल मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि आंध्रप्रदेश के रहने वाले श्रद्धालु निवास नल्ल ने 7 किलो 341 ग्राम चांदी से निर्मित शेषनाग महाकाल मंदिर समिति को भेंट किया है। उन्होंने यह भी बताया कि समिति सदस्य रामपुजारी की मौजूदगी में शेषनाग को दानदाता से दान प्राप्त कर विधिवत रसीद प्रदान की गई। उल्लेखनीय है कि महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं से लगातार दान आने का सिलसिला जारी है। द...
भक्त की पुकार, भगवान तक पहुंचाने वाले पत्रकार हैं नारद जी

भक्त की पुकार, भगवान तक पहुंचाने वाले पत्रकार हैं नारद जी

अवर्गीकृत
- योगेश कुमार गोयल ब्रह्माण्ड के प्रथम दिव्य पत्रकार नारद मुनि की जयंती इस साल छह मई को है। वो लोकमंगल के पहले संवाददाता है। इसलिए वो देवर्षि हैं। यह कितना कष्टदायी है कि तात्कालीन हास्य के अग्रदूतों ने उनको चुगलबाज और आपस में भिड़ाकर क्लेश कराने वाले पौराणिक चरित्र के रूप में गढ़ दिया। इस पर विचार करने की जरूरत है। वास्तव में उनका प्रमुख उद्देश्य प्रत्येक भक्त की पुकार को भगवान तक पहुंचाना ही था। वे एक लोक से दूसरे लोक में भ्रमण करते हुए संवाद-संकलन का कार्य कर एक सक्रिय एवं सार्थक संवाददाता की भूमिका निभाते रहे हैं। संवाद के माध्यम से नारद जी ने तोड़ने का नहीं बल्कि जोड़ने का कार्य किया है। इसलिए वो पत्रकारिता के प्रथम पितृ पुरुष हैं। उन्हें देवताओं का दिव्य दूत और संचार का अग्रणी साधक माना गया है। मान्यता है कि देवर्षि नारद का जन्म ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा के दिन हुआ था। ...