वीरान जंगल की यह बहार बाबा की कृपा से
- गिरीश पांडेय
हमारे लिए तो 'बाबा' भगवान श्रीराम सरीखे हैं। जिस तरह राम ने अहिल्या का उद्धार किया था ठीक उसी तरह 'बाबा' ने हमारा किया। उनके आने के पहले हमारे बारे में कोई नहीं जानता ही नहीं था,पूछने और हमारी दुश्वारियों के बारे में जानना तो दूर की बात थी। आज इस वीरान जंगल में आप जो बहार देख रहे हैं, वह 'बाबा' का ही कृपा है। हमारी बस्ती में दिवाली के दिन जलने वाला हर दीपक 'बाबा' के ही नाम होता है, क्योंकि शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य सुविधाओं का उजाला तो यहां 'बाबा' का ही किया हुआ है। यह कहना है रामगणेश का। वह जंगल तिकोनिया नम्बर तीन के पूर्व मुखिया हैं। ऐसा कहने वाले अकेले रामगणेश नहीं हैं। शब्द अलग हो सकते हैं पर बस्ती के हर व्यक्ति का मनोभाव यही है। बच्चों में तो पहले भी और आज भी योगी आदित्यनाथ 'टॉफी बाबा' के नाम से जाने जाते हैं। दरअसल उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से का एक प्रमुख शहर है- ग...