Friday, September 20"खबर जो असर करे"

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डेंगू से बचाव के लिए रहें अलर्ट

डेंगू से बचाव के लिए रहें अलर्ट

अवर्गीकृत
- योगेश कुमार गोयल डेंगू वैसे तो प्रतिवर्ष खासकर बारिश के मौसम में लोगों पर कहर बनकर टूटता है लेकिन कुछ राज्यों में इसके कारण महामारी जैसे हालात नजर आने लगे हैं और सैंकड़ों लोगों की मौत भी होती है। इसीलिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष लोगों में डेंगू को लेकर जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से 16 मई को ‘राष्ट्रीय डेंगू दिवस’ मनाया जाता है। हालांकि डेंगू की दस्तक तो हर साल सुनाई पड़ती है किन्तु हर तीन-चार वर्ष के अंतराल पर डेंगू एक महामारी के रूप में उभरकर सामने आता है और तभी हमारी सरकारें तथा स्थानीय प्रशासन कुम्भकर्णी नींद से जागते हैं। प्रतिवर्ष मानसून के बाद देशभर में डेंगू के कई हजार मामले सामने आते हैं। डेंगू की दस्तक के बाद डॉक्टरों व प्रशासन द्वारा आम जनता को कुछ हिदायतें दी जाती हैं लेकिन डॉक्टर व प्रशासन इस मामले में खुद कितने लापरवाह रहे हैं, इसका उदाहर...
डेंगू के डंक की जद में दुनिया की आधी आबादी

डेंगू के डंक की जद में दुनिया की आधी आबादी

अवर्गीकृत
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा देश-दुनिया में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस साल के देश के आंकड़ों की ही बात करें तो डेंगू से मरने वालों की संख्या लगभग 100 के आंकड़े को छू रही है। अकेले केरल में डेंगू के कारण 38 लोगों की मौत की सूचना है। डेंगू की गंभीरता को देखते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने दो दिन पहले उच्चस्तरीय बैठक कर आवश्यक निर्देश दिए हैं। दरअसल हमारे देश में डेंगू का पीक सीजन जुलाई से अक्टूबर तक रहता है। वैसे, डेंगू अब किसी देेश की सीमा में बंधा नहीं है और दुनिया के 129 देशों या यों कहें कि दुनिया की आधी आबादी के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है। देश-दुनिया की सरकारों और विश्व स्वास्थ्य संगठन के सामने डेंगू बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन की हालिया रिपोर्ट अतिश्योक्तिपूर्ण मानें तब भी इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती कि डेंगू आज और ...
डेंगू का प्रभाव, बचाव ही उपाय

डेंगू का प्रभाव, बचाव ही उपाय

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- योगेश कुमार गोयल डेंगू वैसे तो प्रतिवर्ष खासकर बारिश के मौसम में लोगों पर कहर बनकर टूटता रहा है। देश के अनेक राज्यों में अब हर साल डेंगू का प्रकोप देखा जाने लगा है। हजारों लोग डेंगू से पीड़ित होकर अस्पतालों में भर्ती होते हैं। इनमें से दर्जनों लोग मौत के मुंह में भी समा जाते हैं। इसीलिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष लोगों में डेंगू को लेकर जागरुकता पैदा करने के उद्देश्य से 16 मई को ‘राष्ट्रीय डेंगू दिवस’ मनाया जाता है। डेंगू की दस्तक हर साल सुनाई पड़ती है किन्तु हर तीन-चार वर्ष के अंतराल पर डेंगू एक महामारी के रूप में उभरकर सामने आता है। डेंगू की दस्तक के बाद प्रशासन की नींद टूटती है। तब जगह-जगह फैले कचरे और गंदगी के ढेर तथा विभिन्न अस्पतालों में सही तरीके से साफ-सफाई न होने और अस्पतालों में भी मच्छरों का प्रकोप दिखता है। प्रशासनिक लापरवाही का आलम यही रहता है कि ऐस...