रचनात्मक राजनीति समय की जरूरत
- सुरेश हिन्दुस्थानी
भारत एक लोकतांत्रिक देश है। इसका तात्पर्य यही है कि देश की जनता ही भारत की असली सरकार है। लोकसभा चुनाव के बाद अब देश में सरकार और विपक्ष की भूमिका भी तय हो गई है। जनता ने जहां नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए राजग को बहुमत दिया है, वहीं कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष को एक बार फिर से सत्ता से दूर कर दिया है। अब चुनाव हो चुके हैं, इसलिए लोकतांत्रिक देश होने के नाते आवश्यक है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष को जनता की भावनाओं को ध्यान में रखकर ही काम करना चाहिए। क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान जिस प्रकार के बयान दिए गए, उससे यही लगता है कि इसकी प्रतिध्वनि आगे भी सुनाई देगी। आज के राजनीतिक हालातों का अध्ययन किया जाए तो यह कहना सर्वथा उचित ही होगा कि दलीय आधार की राजनीति करना केवल चुनाव तक ही सीमित रहना चाहिए। उसका असर अगर संसद की कार्यवाही में दिखाई देगा तो यह देश के स...