Friday, September 20"खबर जो असर करे"

Tag: Democracy

समानता के बगैर लोकतंत्र का कोई अर्थ नहीं

समानता के बगैर लोकतंत्र का कोई अर्थ नहीं

अवर्गीकृत
- अरुण कुमार दीक्षित भारतीय राजनीतिक चिंतन की परंपरा पाश्चात्य राजनीतिक चिंतन से अधिक पुरानी है। भारत में राजतंत्र और गणतंत्र शासन व्यवस्था प्राचीन हैं। कौटिल्य ने राज्य को अपने आप में साध्य मानते हुए समाज में सर्वोच्च स्थान दिया है। उन्होंने राजा के कार्य क्षेत्र को अत्यंत विस्तृत बताया है । कौटिल्य ने राज्य की संपूर्ण संस्थाओं को मनुष्य के आध्यात्मिक सांस्कृतिक और आर्थिक कल्याण का साधन बताया है। सुझाव दिया है कि राजा को आग, बाढ़, महामारी, अकाल और भूकंप जैसी दैवीय विपत्तियों का निवारण करना चाहिए। राजा को चाहिए कि प्रजा के प्रति पुत्रवत आचरण करे। राज्य में अपराधियों के लिए दंड, बाहरी शत्रुओं से रक्षा, राज्य की आंतरिक व्यवस्था एवं न्याय की रक्षा प्रमुख बताया है। 18वीं लोकसभा का गठन कुछ दिन पूर्व हुआ है। भाजपा के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिकगठबंधन तीसरी बार केंद्र की सत्ता में आया ह...
लोकतंत्र के लिए !

लोकतंत्र के लिए !

अवर्गीकृत
- गिरीश्वर मिश्र जनता द्वारा, जनता का और जनता के लिए शासन के महास्वप्न को साथ लेकर लोकतंत्र की शासन-विधा आधुनिक युग में सबसे प्रबुद्ध, व्यावहारिक और विवेकशील सरकार चलाने की पद्धति के रूप में स्वीकार की गई है। उत्तर कोरिया और चीन जैसे देश ज़रूर इसके अपवाद हैं जहाँ भिन्न क़िस्म की शासन-व्यवस्थाएँ हैं। यह भी सही है कि जिन देशों में लोकतंत्र है सभी एक जैसे नहीं हैं। राजतंत्र और सैन्य हस्तक्षेप के विविध रूप ऐसे अनेक देशों में मिलते हैं जहां स्वतंत्रता पर पहरा है, अन्याय और असमानता है। इन भेदों के बावजूद लोकतंत्र की व्यवस्था में जनता के चुने प्रतिनिधि या सीधे जनता से चुने लोगों को शासन सँभालने की ज़िम्मेदारी सौंपी जाती है। इसके मूल में ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ का ही आदर्श सक्रिय है। सबकी भागीदारी के लिए अवसर देना, ज़िम्मेदारी और पारदर्शिता के साथ शासन चलाना, शांति और समानता के सिद्धान्तों को ...
गांधीजी के देश में लोगों के दिलों में है जिंदा लोकतंत्र- इंटरनेशनल डेलिगेशन ने की भारतीय चुनाव प्रणाली की तारीफ

गांधीजी के देश में लोगों के दिलों में है जिंदा लोकतंत्र- इंटरनेशनल डेलिगेशन ने की भारतीय चुनाव प्रणाली की तारीफ

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। भारतीय चुनाव व्यवस्था का अवलोकन और अध्ययन करने के लिये पांच मई को भोपाल आये फिलीपीन्स (Philippines) और श्रीलंका (Sri Lanka) के अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल (International delegations) ने बुधवार को निर्वाचन सदन भोपाल में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन (Chief Electoral Officer Anupam Rajan) से मुलाकात की। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल ने 5 से 7 मई तक निर्वाचन की प्रत्येक प्रक्रिया के अवलोकन के अनुभव साझा करते हुए बताया कि महात्मा गांधीजी के देश में लोकतंत्र यहां के लोगों के दिलों में जिंदा है। भारतीय चुनाव को एक पर्व की तरह मनाते हैं। हमने ऐसा उत्सवपूर्ण चुनाव कभी नहीं देखा। लोकतंत्र की मजबूती के लिये यहां के हर मतदाता की आस्था और उसकी अभिव्यक्ति अभिभूत कर देने वाली है। हमने तीन दिनों में बहुत कुछ देखा, समझा और सीखा। इस आनंदपूर्ण चुनाव प्रणाली से हमें प्रेरणा मि...
मतदान में गिरावट लोकतंत्र के लिए अशुभ

मतदान में गिरावट लोकतंत्र के लिए अशुभ

अवर्गीकृत
- योगेश कुमार सोनी चुनाव के महासंग्राम लोकसभा 2024 का आगाज हो चुका है। पहले चरण की वोटिंग भी हो चुकी है जिसमें पहले की अपेक्षा कम वोटिंग हुई है। पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर वोटिंग हुई। सभी सीटों पर 62.37 फीसदी मतदान हुआ। सबसे ज्यादा वोटिंग त्रिपुरा में 80.17 फीसदी हुई। इसके बाद पश्चिम बंगाल में 77.57 प्रतिशत, मेघालय में 74.21 प्रतिशत, पुडुचेरी में 73.50 प्रतिशत और असम में 72.10 प्रतिशत मतदान हुआ। अगर 2019 में हुए मतदान के पहले चरण से तुलना की जाए तो इस बार पहले फेज में कम वोटिंग हुई है। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की चर्चा करें तो आठ सीटों पर लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 60.59 प्रतिशत मतदान हुआ। सबसे ज्यादा 66.65 प्रतिशत मतदान सहारनपुर में हुआ जबकि रामपुर 55.75 प्रतिशत मतदान के साथ सबसे कम वोटिंग हुई। वर्ष 2019 के मुकाबले पहले...
चार सौ पार के नारे के इर्द-गिर्द सिमटा चुनावी विमर्श

चार सौ पार के नारे के इर्द-गिर्द सिमटा चुनावी विमर्श

अवर्गीकृत
- विकास सक्सेना देश में लोकतंत्र का महापर्व आम चुनाव चल रहा है। मतदाताओं को लुभा कर उन्हें अपने पाले में लाने के लिए सभी राजनैतिक दल पूरी ताकत के साथ जुटे हुए हैं। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव पिछले चुनावों के मुकाबले कई मायनों में अलग है। देश की सामरिक, आर्थिक, औद्योगिक और सांस्कृतिक प्रगति के साथ कूटनीतिक सफलता से उत्साहित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब से अबकी बार 400 पार का नारा दिया है, पूरा चुनावी विमर्श इसी के इर्द-गिर्द सिमट कर रह गया है। केंद्र की सत्ताधारी भाजपा और उसके समर्थक दलों के नेता ये साबित करने का प्रयास कर रहे हैं कि इस बार उन्हें 400 से ज्यादा सीटों पर विजय मिलने जा रही है और विपक्षी पूरी ताकत से दावा कर रहे हैं 400 पार का नारा भाजपा का ख्याली पुलाव भर है जो कभी पूरा नहीं होगा। इस सबके बीच लोकसभा चुनाव 2024 के बाद देश की सत्ता कौन संभालेगा इसको लेकर सत्तापक्ष और विपक...
लोकतंत्र के महापर्व में संवाद की शालीनता अपरिहार्य

लोकतंत्र के महापर्व में संवाद की शालीनता अपरिहार्य

अवर्गीकृत
- हृदयनारायण दीक्षित आम चुनाव की घोषणा के साथ आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। सामान्य संवाद की भाषा बदल गई है। शब्द आक्रामक हो गए हैं। संवाद की शालीनता समाप्त हो रही है। कायदे से दलतंत्र को लोकतंत्र की मजबूती के लिए काम करना चाहिए। संवाद की भाषा परस्पर प्रेमपूर्ण होनी चाहिए। दल परस्पर शत्रु नहीं हैं। वे लोकतांत्रिक व्यवस्था को आमजनों तक ले जाने और मजबूत करने के उपकरण हैं। लेकिन शब्द अपशब्द हो रहे हैं। वैचारिक आधार पर दलों के मध्य बहस नहीं है। प्रधानमंत्री तक को अपशब्द कहे गए हैं। भारत के आम चुनाव दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्री उत्सव हैं। लेकिन अपशब्दों के प्रयोग वातावरण को उतप्त कर रहे हैं। आचार संहिता में निर्देश दिए गए हैं कि सभी दल और उम्मीदवार जाति, सम्प्रदाय, पंथिक समूह या भाषाई समूहों के मध्य अलगाववाद बढ़ाने से दूर रहेंगे। परस्पर विद्वेष और तनाव बढ़ाने वाले शब्दों का प्रयोग नही...
पहली बार मतदाता बने युवाओं की लोकतंत्र के उत्सव में बड़ी भूमिका

पहली बार मतदाता बने युवाओं की लोकतंत्र के उत्सव में बड़ी भूमिका

अवर्गीकृत
- नीरज चोपड़ा खिलाड़ी अपने समर्पण, दृढ़ता और टीम भावना के माध्यम से देश की सेवा करते हैं। चाहे घरेलू मैदान हो या विदेशी, देश की जर्सी पहनना एक विशेषाधिकार और जिम्मेदारी दोनों है। लेकिन दुनिया के सबसे जीवंत लोकतंत्र के एक अभिन्न अंग के रूप में हम खिलाड़ी और युवा भारतीय एक और विशेषाधिकार की आकांक्षा करते हैं-वह है मतदान। चुनाव लोकतंत्र का आधार होता हैं, जो नागरिकों को अपने प्रतिनिधियों को चुनने का महत्वपूर्ण अधिकार देता है। हालांकि, यह अधिकार निष्क्रिय नहीं है, चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल होना एक कर्तव्य है, विशेषकर युवाओं का। ऐतिहासिक रूप से, युवाओं ने सामाजिक परिवर्तन का नेतृत्व किया है और चुनावों में उनकी भागीदारी महत्वपूर्ण है। लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए, मतदाता पंजीकरण से लेकर जमीनी स्तर पर प्रचार अभियान तक के प्रत्येक चरण में युवाओं की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता होत...
लोकतंत्र में परिवारवादी परम्परा के निहितार्थ

लोकतंत्र में परिवारवादी परम्परा के निहितार्थ

अवर्गीकृत
- गिरीश्वर मिश्र पीछे मुड़ कर देखें तो आधुनिक भारत में स्वतंत्रता संग्राम के चलते राजनीति का रिश्ता देश-सेवा और देश के लिए आत्मदान से जुड़ गया था। इस पृष्ठभूमि के अंतर्गत राजनीति में आने वाले आदमी में निजी हित स्वार्थ से ऊपर उठ कर समाज के लिए समर्पण का भाव प्रमुख था। 'सुराजी' ऐसे ही होते थे। वे अपना खोकर सबका हो जाने की तैयारी से राजनीति में आते थे। स्वतंत्रता मिलने के साथ सरकार में भागीदारी ने राजनीति का चरित्र और उसका चेहरा-मोहरा बदलना शुरू किया। देखते-देखते नेता नामक जीव की वेश-भूषा, रहन-सहन आदि में बदलाव शुरू हुआ और जीवन की राह तेजी से आभिजात्य की ओर मुड़ती गई। विधायक या सांसद राजपुरुष होने की ओर बढ़ने लगे। मंत्री होना राजसी ठाट-बाट का पर्याय सा हो गया। नेताओं का भी दरबार लगने लगा और वे प्रजा की सेवा से दूर होते चले गए। जनसेवक होने की जगह वे खुद अपने लिए जनसेवा कराने लगे। और अब इ...
पाकिस्तान में लोकतंत्र है या सेनातंत्र ?

पाकिस्तान में लोकतंत्र है या सेनातंत्र ?

अवर्गीकृत
- सुरेश हिंदुस्तानी पाकिस्तान के बनने के पश्चात प्रारंभ से पैदा हुई उसकी राजनीतिक दुश्वारियां अभी तक पीछा नहीं छोड़ रही हैं। सत्ता के संघर्ष के इस खेल में पाकिस्तान ने पाया कुछ नहीं, इसके विपरीत खोया बहुत है। आम चुनाव में पाकिस्तान के राजनीतिक आसमान में फिर से अस्थिरता के बादल उमड़ते-घुमड़ते दिखाई दिए। पाकिस्तान की सेना और आतंकियों के संकेत पर जबरदस्ती पदच्युत किए गए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए इस चुनाव में राह को कठिन बनाने की भरपूर राजनीति की गई। इसके बाद भी पाकिस्तान में एक बड़ी ताकत के रूप में अपना स्थान कायम रखा। इसे इमरान खान की लोकप्रियता ही कहा जाएगा कि उनके विरोधी दल ताल ठोककर मैदान में सामने खड़े थे, इसके बाद भी इमरान की पार्टी पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ सबसे बड़े दल के रूप में उभर कर आई। वहीं नवाज शरीफ की पार्टी मुस्लिम लीग नवाज दूसरे और बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्...