Friday, September 20"खबर जो असर करे"

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अब कौन पहुंचाएगा सरकारी संपत्ति को नुकसान?

अब कौन पहुंचाएगा सरकारी संपत्ति को नुकसान?

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- आर.के. सिन्हा जिस बात का देश से प्रेम करने वाले हरेक नागरिक को दशकों से इंतजार था, वह अब हो गई है। अब किसी आंदोलन के दौरान कथित आंदोलनकारी सरकारी या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा सकेंगे। यदि नुकसान पहुंचाया तो उन्हें सख्त सजा होगी। हमारे यहां सरकार से अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन करने वाले आमतौर पर सरकारी बसों, इमारतों, रेलों और दूसरी सार्वजनिक संपतियों को बेशर्मी से तोड़ते रहे हैं। कहना न होगा आजाद भारत में इस कारण से सत्तर सालों में अरबों-खरबों रुपये का नुकसान हुआ। जिन्होंने नुकसान किया उन्हें किसी ने कुछ नहीं कहा। वे दशकों से मौज करते रहे। उनमें से कई बड़े नेता भी बन गए। पर अब आगे किसी ने सरकारी संपत्तियों को हानि पहुंचाई तो लेने के देने पड़ जाएंगे। इसलिए ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ओर से पिछले मंगलवार को संसद में पेश भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023 के अपडेटेड व...

बेमौसम की भारी बरसात: फसलों को हुए नुकसान की कैसे हो भरपाई

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- डॉ. रमेश ठाकुर खेती किसानी अब तुक्का हो गई है, सही सलामत फसल कट जाए तो समझो बड़ी गनीमत है। वरना, कुदरत का प्रकोप उन्हें नहीं छोड़ता। बीते तीन वर्षों से लगातार बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ रखी है। जब फसल पक कर खेतों में खड़ी होती है तभी बारिश हो जाती है और उसे बर्बाद कर देती है। किसान चाहकर भी कुछ नहीं कर पाते। अन्नदाताओं को बेमौसम की बारिश ने एक बार फिर तबाह कर दिया। किसान खेतों में जाकर बर्बाद हुई फसलों को मायूसी भरी निगाहों से देख रहे हैं। तेज बौछारों ने हजारों-लाखों हेक्टेयर फसल चौपट कर दी। कई महीनों की मेहनत पर क्षण भर में पानी फिर गया। अपने खेतों में बेचारे असहाय खड़े होकर कुदरत के कहर से बर्बाद होती फसलें देखते रहे। किसानों के लिए उनकी फसलें नवजात शिशु समान होती हैं जिसे वह छह महीने अपनी औलाद की तरह पालता-पोसता है। जब यही फसल नुमा बच्चे उनकी आंखों के सामने ओझल हो जाएं, तो उनके ...