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भारत के सांस्कृतिक वैभव की पुनर्स्थापना का लाभ समूची मानवता को मिलेगाः मोदी

भारत के सांस्कृतिक वैभव की पुनर्स्थापना का लाभ समूची मानवता को मिलेगाः मोदी

देश, मध्य प्रदेश
- श्री महाकाल लोक’ में सब कुछ अलौकिक, अविस्मरणीय, अविश्वसनीय हैः प्रधानमंत्री भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि भारत के सांस्कृतिक वैभव (India's cultural splendor) की पुनर्स्थापना (Restoration ) का लाभ न केवल भारत. अपितु पूरे विश्व एवं समूची मानवता को मिलेगा। उज्जैन में ‘श्री महाकाल लोक’ की स्थापना (Establishment of 'Shri Mahakal Lok') इसी की कड़ी है। यह काल के कपाल पर कालातीत अस्तित्व का शिलालेख है। उज्जैन आज भारत की सांस्कृतिक अमरता की घोषणा और नये कालखण्ड का उद्घोष कर रहा है। हमारे लिये धर्म का अर्थ कर्त्तव्यों का सामूहिक संकल्प, विश्व का कल्याण एवं मानव मात्र की सेवा है। हमने आजादी के पहले जो खोया था, उसकी आज पुनर्स्थापना हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार देर शाम उज्जैन में ‘श्री महाकाल लोक’ के लोकार्पण के बाद जन समारोह को सम्बोधित कर रहे ...

भारत की मूल विरासत है अखंड सांस्कृतिक वैभव

अवर्गीकृत
- संजय तिवारी अखंडता भारत का मूल सांस्कृतिक वैभव है। विरासत है। यही सत्य सनातन है जो भारत को भारत बनाता है। भूखंड के रूप में इसके टूटने और बिखरने की पीड़ा अवश्य रहती है लेकिन गर्व इस बात का होता है कि इस विखंडन के बाद भी संस्कृति का मूल जीवित रहता है। तात्कालिक भूखण्डीय विभाजन के 75 वर्ष पूरे हो चुके। इस बार का 15 अगस्त भारत के शेष भूखंड के लिए स्वाधीनता के अमृत वर्ष पूरे कर रहा। आगे के 25 वर्ष ऐसे होने वाले हैं जब विश्व मे मनुष्यता को स्थापित करने के लिए इस भारत की अत्यंत आवश्यकता है। जब 2047 में भारत अपनी स्वाधीनता की शताब्दी मना रहा होगा तब विश्व मे इसकी महत्ता बहुत बढ़ चुकी होगी। यह क्यों और कैसे होगा ,इसको इतिहास की दृष्टि से देखना चाहिए। आज आधुनिक विश्व मे आधुनिक भारत वर्ष अपनी स्वाधीनता के अमृत काल मे है। प्राचीन विश्व की एक मात्र सभ्यता जो अपनी आध्यात्मिक, सांस्कृतिक विरासत के साथ ...