सृष्टि का आधार है परिवार, इसे बिखरने न दें
- सियाराम पांडेय 'शांत'
पूरी दुनिया 15 मई को विश्व परिवार दिवस मनाएगी। संयुक्त राष्ट्र संघ की पहल पर यह सहमति बनी थी कि साल में एक दिन विश्व परिवार दिवस मनाया जाए। वर्ष 1994 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस मनाया गया था। तब से अब तक यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। हालांकि विश्व परिवार दिवस मनाने का प्रस्ताव तो संयुक्त राष्ट्र संघ में 1989 में ही पारित हो गया था लेकिन इसे व्यावहारिक धरातल पर उतरने में पांच साल लग गए। खैर, देर आयद-दुरुस्त आयद। परिवार को जोड़े रखने का, उससे जुड़े रहने की पहल का ही नतीजा है कि दुनिया भर में हर साल अलग-अलग थीम पर विश्व परिवार दिवस मनाया जाता है। लेकिन, इस तरह के नवोन्मेष की जरूरत क्यों पड़ी, यह अपने आप में विचार का विषय है। भारत तो सदियों से पूरी धरती को अपना परिवार मानता रहा है। उसने वसुधैव कुटुम्बकम का मंत्र यूं ही नहीं दिया था।
कोलंबस और वास्को डिगामा की खो...